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CBSE Board Exam: इसी साल से 2 बार होंगी सीबीएसई की 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं, इस तरह तय होगा रिजल्ट

CBSE Board Exam: पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने नई शिक्षा नीति को लागू करने का एलान किया था। इस नीति के तहत 6 साल की उम्र में बच्चों को पहली कक्षा में दाखिले का मौका दिया जाना है। साथ ही 8वीं तक बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही शिक्षा देने की अहम बात कही गई है।

नई दिल्ली। सीबीएसई में 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए अच्छी खबर है। सीबीएसई ने फैसला किया है कि इसी साल से वो दोनों कक्षाओं की बोर्ड परीक्षा 2 बार लेगा। इन दोनों परीक्षा में शामिल होने की अनिवार्यता नहीं रहेगी। छात्र चाहें तो दो बार या एक बार परीक्षा दे सकेंगे। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने शिक्षा मंत्रालय के अफसर के हवाले से ये खबर दी है। अखबार की खबर के मुताबिक अगर 10वीं और 12वीं के छात्र दोनों बार परीक्षा देते हैं, तो उनके बेस्ट रिजल्ट के आधार पर सीबीएसई सर्टिफिकेट जारी कर देगा। इससे छात्र अगर पहली परीक्षा में अच्छे नंबर नहीं भी लाते, तो उनको दूसरी बार मौका मिलेगा और इससे छात्रों का तनाव भी काफी हद तक कम होगा।

अखबार की खबर के अनुसार सीबीएसई इस साल नवंबर-दिसंबर में पहली बोर्ड परीक्षा और फिर 2025 के फरवरी मार्च में दूसरी बार बोर्ड परीक्षा करा सकता है। अफसर ने अखबार को बताया कि नया सत्र शुरू होने से पहले ही दो बार परीक्षा का खाका तय कर लिया जाएगा। इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी बीते साल यानी 2023 में जानकारी दी थी कि साल में छात्रों की दो बार बोर्ड परीक्षा लेने की योजना सीबीएसई बना रहा है। अब तय ये हुआ है कि अगर कोई छात्र पहली परीक्षा के मार्क्स से संतुष्ट नहीं होता है, तो वो दूसरी बार अच्छी तरह पढ़ाई कर अपने मार्क्स बेहतर कर सकेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नई किताबें छप जाने की जानकारी भी मिल रही है।

पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने नई शिक्षा नीति को लागू करने का एलान किया था। इस नीति के तहत 6 साल की उम्र में बच्चों को पहली कक्षा में दाखिले का मौका दिया जाना है। साथ ही 8वीं तक बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही शिक्षा देने की अहम बात कही गई है। बोर्ड और इससे पहले की परीक्षाएं कराने के लिए भी नई शिक्षा नीति में बदलाव किए गए थे। सभी राज्यों से इस शिक्षा नीति को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने कहा है। हालांकि, अभी तय नहीं है कि नई शिक्षा नीति को सभी राज्य लागू करेंगे या नहीं।