रुद्रप्रयाग। केदारनाथ के रास्ते पर बुधवार को बादल फटने के बाद काफी विनाश हुआ है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर 13 जगह पूरी तरह रास्ता खत्म हो गया है। यहां लोगों के आने-जाने के लिए फिर से मार्ग बनाने के काम में 1 हफ्ते से ज्यादा वक्त लग सकता है। बादल फटने की घटना के बाद लिनचोली से 2 शव मिले हैं। इनकी पहचान नहीं की जा सकी है। केदारनाथ के रास्ते पर बादल फटने के बाद अब भी बचाव का काम चल रहा है। 150 से ज्यादा लोगों का अभी पता नहीं है। 20 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू करने के बाद वे अपने परिजनों से संपर्क करने में सफल रहे।
VIDEO | Uttarakhand: Rescue and search operations being carried out by security forces to rescue pilgrims and locals stranded at various places in Kedar Valley as roads have been damaged in the area following heavy rains.#UttarakhandRains #UttarakhandNews
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— Press Trust of India (@PTI_News) August 3, 2024
उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक अब भी इलाके में 700 से ज्यादा लोग फंसे हैं। इनको बचाने की हरसंभव कोशिश जारी है। केदारनाथ इलाके में मोबाइल सेवा भी ठप हो गई है। केदारनाथ के मार्ग में फंसे करीब 4000 लोगों का अब तक बचाव किया गया है। इनमें से 700 को हेलीकॉप्टर के जरिए वहां से निकाला जा सका है। वायुसेना ने लोगों को बचाने के लिए चिनूक और एमआई 17 हेलीकॉप्टर लगाए हैं। केदारनाथ यात्रा पर रोक लगाई गई है। जो लोग फंसे हुए हैं, उन तक भोजन और पानी पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। जानकारी के मुताबिक केदारनाथ से नीचे गौरीकुंड के मुख्य बाजार में भी भूस्खलन हुआ और उसमें कई वाहन दब गए। इन वाहनों में कोई नहीं था। इस वजह से जनहानि नहीं हुई।
मौसम विभाग ने एक बार फिर उत्तराखंड के तमाम जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन होने की चेतावनी जारी की है। उत्तराखंड में इस मॉनसून के सीजन में भारी बारिश और भूस्खलन का दौर देखने को मिला है। अब फिर भारी बारिश होने पर केदारनाथ के रास्ते में फंसे लोगों के बचाव के लिए अभियान पर भी असर पड़ सकता है।