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Parakram Diwas 2023: अंडमान निकोबार के 21 द्वीप अब इन परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाने जाएंगे, PM मोदी ने किया अनावरण

Parakram Diwas 2023: पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, आज पराक्रम दिवस पर अंडमान और निकोबार में नई सुबह की रश्मियां एक नया इतिहास लिख रही है। और जब इतिहास बनता है। तो आने वाली सदियां उसको अस्मरण भी करती है आकलन और मूल्यांकन भी करती रहती है और अभिरथ प्रेरणा पाती रहती है।

नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ना केवल प्रकृति सौंदर्य से प्रतिकूल है, बल्कि इन दीपों ने भारतीय स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज भी सेलुलर जेल की प्रत्येक ईंट पर वीर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और अदम्य साहस का इतिहास अंकित है। इन ऐतिहासिक घटनाक्रम में आज इस अमृतकाल में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। दरअसल सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों को भारत के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र से अलंकृति सेना के उन जाबाज वीरों नाम पर समर्पित किए है। जिन्होंने देश की सेवा करते हुए लिए उत्कृषि प्रदर्शन और सर्वोच्च बलिदान दिया।

बता दें कि सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती मनाई जा रही है। संसद से लेकर अंडमान तक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। बता दें कि नेताजी के जन्मदिन दिवस को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया जाता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी  ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सबसे पहले नेता सुभाष बोस की जयंती को याद करते हुए देशवासियों को पराक्रम दिवस की शुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, आज पराक्रम दिवस पर अंडमान और निकोबार में नई सुबह की रश्मियां एक नया इतिहास लिख रही है और जब इतिहास बनता है। तो आने वाली सदियां उसको अस्मरण भी करती है आकलन और मूल्यांकन भी करती रहती है और अभिरथ प्रेरणा पाती रहती है।

पीएम मोदी ने कहा, आज अंडमान और निकोबार के 21 द्वीपों का नामकरण हुआ है। इन 21 द्वीपों को अब परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाना जाएगा। जिस द्वीप पर नेता सुभाष चंद्र बोस रहे थे। वहां उनके जीवन और योगदानों को समर्पित एक प्रेरणास्थली स्मारक का भी शिलांयास हुआ है। जिन 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से इन द्वीपों को जाना जाएगा उन्होंने मातृभूमि के कण-कण को अपना सबकुछ माना था, उन्होंने भारत मां की रक्षा के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, अड़मान की धरती वो भूमि है जिसका आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था। सेल्यूलर जेल की कोठरियों से आज भी अप्रतिम पीड़ा के साथ-साथ उस अभूतपूर्व जज़्बे के स्वर सुनाई पड़ते हैं।

यहां देखिए पूरी लिस्ट-