नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पुणे में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के 22 संदिग्ध मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। पुणे नगर निगम की टीम ने इन संदिग्ध मरीजों की जांच की है और उनके नमूने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजे गए हैं। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक, जीबीएस के अधिकतर मामले पुणे के सिंहगढ़ रोड इलाके में पाए गए हैं। इन संदिग्ध मरीजों में ज्यादातर की उम्र 12 से 30 साल के बीच है, जबकि एक मरीज की उम्र 59 साल है, जो अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज जारी है।
The Pune Municipal Corporation has issued an alert regarding the spread of Guillain-Barré Syndrome (GBS) after 22 suspected cases were reported across multiple hospitals in the city. Health authorities have assured the public that the disease is not dangerous and is not… pic.twitter.com/gWOlHZbw34
— Pune Mirror (@ThePuneMirror) January 21, 2025
क्या है गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS)?
गिलियन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को मांसपेशियों में कमजोरी और शरीर के विभिन्न हिस्सों में सुन्नता महसूस होती है। यह बीमारी मुख्य रूप से शरीर की तंत्रिका प्रणाली को प्रभावित करती है और मरीज को गंभीर कमजोरी का अनुभव होता है।डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन समय पर जांच और उपचार आवश्यक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी है। स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित इलाकों में जागरूकता अभियान शुरू किया है और संदिग्ध मामलों पर नजर रखी जा रही है। साथ ही, इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं।
गिलियन-बैरे सिंड्रोम कोई वायरस नहीं है, बल्कि यह एक दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी है। इसमें व्यक्ति की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से शरीर की नसों पर हमला करने लगती है। हालांकि, यह बीमारी अक्सर किसी संक्रमण के बाद उत्पन्न हो सकती है।
वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण
गिलियन-बैरे सिंड्रोम आमतौर पर श्वसन तंत्र के संक्रमण या पाचन तंत्र के संक्रमण के बाद विकसित होता है। कैंपिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया जो दूषित भोजन या पानी से होता है, GBS का सबसे सामान्य कारण माना जाता है। वायरल संक्रमण जैसे इन्फ्लूएंजा, डेंगू, और कभी-कभी ज़िका वायरस भी GBS को ट्रिगर कर सकता है।
पुणे में क्यों बढ़ा खतरा?
विशेषज्ञों का मानना है कि पुणे में इस बीमारी के फैलने का कारण किसी खास संक्रमण का प्रकोप हो सकता है। पुणे नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या इन सभी मरीजों में कोई सामान्य संक्रमण था जो GBS को ट्रिगर कर सकता है।