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Fact Check: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद दर्शन के लिए लिया जा रहा 300 रुपये? जानिए वायरल तस्वीर का सच

Kashi Vishwanath corridor: वहां मौजूद विनय शास्त्री ने भी एक नीजी चैनल को बताया कि साल 2018 दिसंबर से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सुगम सेवा का शुभारंभ किया था। जिसमें तीर्थयात्री को कई सुविधाएं दी जाती है। 300 रुपये के टिकट की वजह से उन्हें लाइनों में खड़ें होने की जरूरत नहीं होती।

नई दिल्ली। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया था। लोकार्पण के बाद से ही धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। दूर-दूर से लोग काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस बीच अब सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसे लेकर कहा ये जा रहा है कि सुगम दर्शन के नाम पर दर्शनार्थियों से 300 रुपये वसूले जा रहे हैं। वहीं जब इस वायरल तस्वीर की सच जानने की कोशिश की गई तो सारा मामला खुलकर सामने आ गया।

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बता दें, मंदिर से चंद कदमों पर ही सड़क किनारे बने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास सुविधा केंद्र या हेल्प डेस्क के कांच के गेट पर बिलकुल वैसा ही पोस्टर देखने को मिला, जैसा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पोस्टर में लिखा गया है कि मंदिर में सुगम दर्शन के लिए 300 रुपये फीस रखी गई है। इस लगे हुए पोस्टर पर 300 रूपए में यात्री को क्या सुविधा दी जाएगी ये भी लिखा हुआ है। जैसे कि- नि:शुल्क शास्त्री, लॉकर और प्रसाद इस 300 रूपए की फीस में आपको फ्री मिलेगा। सुगम दर्शन साथ ही पोस्टर में आरती के लिए भी अलग से 180 रूपए निश्चित किए गए हैं। वहीं जैसे ही बाए तरह को थोड़ा बढ़ा जाता है तो आगे एक शिलापट्ट भी देखने को मिलता है जिसमें ये साफ-साफ लिखा हुआ है कि हेल्प डेस्क का उद्घाटन खुद उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 21 दिसंबर साल 2018 को किया था।

वहां मौजूद विनय शास्त्री ने भी एक नीजी चैनल को बताया कि साल 2018 दिसंबर से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सुगम सेवा का शुभारंभ किया था। जिसमें तीर्थयात्री को कई सुविधाएं दी जाती है। 300 रुपये के टिकट की वजह से उन्हें लाइनों में खड़ें होने की जरूरत नहीं होती। उन्हें किसी दूसरे रास्ते से दर्शन के लिए ले जाया जाता है। इसके अलावा दर्शन के लिए आए हुए व्यक्ति को लॉकर की भी सुविधा दी जाती है। जिससे तीर्थयात्री 10-15 मिनट में विधिवत दर्शन कर लेता है साथ ही बाद में एक प्रसाद का बॉक्स भी दिया जाता है। उस शास्त्री ने इस बात को झूठा करार दिया जिसमें ऐसा दुष्प्रचार किया जा रहा है कि 13 दिसंबर के बाद से सुगम दर्शन शुरू हुआ है जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। शास्त्री ने बताया कि 2018 को हेल्प डेस्क के उद्घाटन के पहले से ही इस सुगम दर्शन की व्यवस्था चल रही है। सुगम दर्शन के साथ ही रुद्राभिषेक का भी टिकट पहले से ही लगता चला आ रहा है, सबके अलग-अलग रेट न्यास के द्वारा निर्धाारित किए गए हैं, इसमें नया कुछ नहीं है।