
नई दिल्ली। बॉलीवुड के मशहूर गीतकार मनोज मुंतशिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में मुगल साम्राज्य को लेकर अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने मुगलों को लुटेरा बता दिया। मनोज मुंतशिर ने कहा कि हमें इतिहास गलत पढ़ाया गया। मुगलकाल में मंदिरों को तोड़े जाने का जिक्र करते हुए मुंतशिर ने कहा- अल्लाह-हू-अकबर बोल-बोलकर तबाही मचाई गई। कार्यक्रम में मनोज मुंतशिर ने कहा कि देश में प्यार के नाम पर ताजमहल खड़ा कर दिया गया, वो भी उस समय में, जब देश में भुखमरी थी। देश में 35 लाख लोग भुखमरी से मर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रेम की असली निशानी राजा रामचंद्र द्वारा माता सीता के लिए समुद्र चीर कर बनाया या पुल है। प्रेम की निशानी चित्तौड़गढ़ का किला है, जहां राजा रतन सिंह के वियोग में माता पद्मिनी ने खुद को जलती चिता में झोंक दिया। मुगलों को लुटेरा बताते हुए प्रख्यात कवि मुंतशिर ने कहा कि शाहजहाँ ने ताजमहल बनवाने के लिए 9 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। अगर इन पैसों को जनता में खर्च किया जाता तो लोगों की गरीबी मिट सकती थी।
महाकाल ने मुझे इतना दिया जिसका वर्णन नहीं @manojmuntashir pic.twitter.com/1rvlrTUV7T
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) April 2, 2022
मनोज ने कहा कि हमें बताया गया कि शेरशाह सूरी, अकबर, खिलजी नहीं होते तो भारत के लोग सिर्फ पत्ते लपेटकर नाच रहे होते। अब इन मूर्खों को कौन बताए इनके पहले मोहनजोदाड़ो था। यहां जो हम शहरों में व्यवस्थाएं देखते हैं, ये सब उस मोहनजोदड़ो के काल में थीं। कार्यक्रम में मनोज मुंतशिर ने कहा कि, “मुगलों हजारों वर्ष पहले जब तुम नहीं थे, हमारे यहां महाकाल का मंदिर बन चुका था। जब मुगलों ने 2 ईंट भी जोड़नी नहीं सीखी थी, तब हमारे यहां क्षत्रिय राजाओं द्वारा बनाए गए मंदिर थे। मनोज मुंतशिर ने आगे कहा कि, “एक तरफ हमने महाराज विक्रमादित्य को देखा और एक तरफ इन लुटेरों और डकैतों को भी देखा, ये हमारी बदकिस्मती थी। ताज महल बनवा दिया चलो ठीक है बनवा दिया। लेकिन अब बाएं हाथ से लिखे हुए इतिहास हमें यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि ताजमहल मोहब्बत की निशानी है।”