बेंगलुरू। कर्नाटक में हिजाब विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा है। एक तरफ इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। वहीं, मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनने पर अड़ी हुई हैं। उनका ये अड़ियल रवैया तब है, जबकि हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में स्कूल-कॉलेजों में किसी तरह का धार्मिक परिधान पहनने पर रोक लगा रखी है। इसी तरह हिजाब पहनकर स्कूल आने की जिद पर अड़ी 58 छात्राओं को शिवमोगा जिले के शिरलाकोप्पा में कॉलेज ने सस्पेंड कर दिया है। इन छात्राओं को क्लास में जाने के लिए हिजाब हटाने को कहा गया था। छात्राएं हिजाब पहने रहने पर अड़ गईं। जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने इनके खिलाफ कार्रवाई की।
इससे पहले कल खबर आई थी कि मैसूरु के एक कॉलेज ने हाईकोर्ट और सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हुए अपने यहां की छात्राओं को हिजाब पहनकर आने की छूट दे दी है। बता दें कि कर्नाटक की बासवराज बोम्मई सरकार ने साफ कह रखा है कि हाईकोर्ट का फैसला आने तक किसी भी छात्र या छात्रा को किसी सूरत में धार्मिक परिधान पहनकर स्कूल और कॉलेजों में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। कर्नाटक में जनवरी के महीने से हिजाब विवाद शुरू हुआ। जब उडुपी की 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर स्कूल आने की कोशिश की। रोके जाने पर छात्राएं हाईकोर्ट में अर्जी लगाने चली गईं।
इस विवाद को विपक्षी कांग्रेस की तरफ से तूल दिया जा रहा है। कांग्रेस से संबद्ध वकील देवदत्त नायक इस मामले में मुस्लिम छात्राओं का केस लड़ रहे हैं। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी बीते दिनों हिजाब का समर्थन करने वाले कई ट्वीट किए थे। हालांकि, हाईकोर्ट की ओर से हिजाब पर रोक जारी रखने के बाद उन्होंने इस मसले पर अभी तक कुछ और नहीं कहा है। वहीं, बीजेपी ने साफ कर दिया है कि वो हिजाब पर बैन लगाने के पक्ष में कतई नहीं है। केंद्र सरकार ने भी पहले ही कह दिया है कि इस मामले में सियासत नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का भी यही रुख रहा है।