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Hinduism: दुनिया के 66 देशों में हिंदू धर्म को नहीं है मान्यता, विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने इस पर जताई आपत्ति

हिंदू धर्म को मानने वालों की बात करें, तो दुनिया के हर देश में वे मिलते हैं। हिंदू धर्म को मानने वालों की भारत में तादाद करीब 80 फीसदी है। पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा हिंदू भारत में रहते हैं। पहले भारत का पड़ोसी देश नेपाल दुनिया का एकमात्र हिंदू राष्ट्र हुआ करता था। वो भी अब इस तमगे को त्याग चुका है।

नई दिल्ली। हिंदू धर्म को दुनिया के 66 देशों में मान्यता ही नहीं है। ये खुलासा विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किया है। दिल्ली में मंगलवार को एक कार्यक्रम में मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भारत के संविधान में पंथ निरपेक्षता की बात है। ये उन तमाम देशों के लिए एक सबक है, जहां हिंदू को धर्म के तौर पर मान्यता ही नहीं दी जाती। उन्होंने कहा कि हिंदू होने के नाते इससे मुझे समस्या है। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भारत में हिंदू बहुसंख्यक हैं, लेकिन फिर भी ये देश पंथ निरपेक्षता का पालन करता है। हमारे संविधान बनाने वालों ने देश को पंथ निरपेक्ष बनाया।

हिंदू धर्म को मानने वालों की बात करें, तो दुनिया के हर देश में वे मिलते हैं। हिंदू धर्म को मानने वालों की भारत में तादाद करीब 80 फीसदी है। पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा हिंदू भारत में रहते हैं। पहले भारत का पड़ोसी देश नेपाल दुनिया का एकमात्र हिंदू राष्ट्र हुआ करता था। वहां राजपरिवार में हुई हत्याओं के बाद जब लोकतंत्र की बहाली हुई, तो नेपाल के संविधान में बदलाव कर हिंदू राष्ट्र को हटा दिया गया। हिंदू धर्म के मानने वाले भारत के बाद सबसे ज्यादा नेपाल में ही रहते हैं।

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हिंदू को बतौर धर्म के बारे में देखें, तो इसकी व्याख्या सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में की है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे जेएस वर्मा ने अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि हिंदू धर्म जीवन जीने की पद्धति है। पिछले कुछ समय से भारत में हिंदुओं के मसलों को खूब उठाया जा रहा है। हिंदू आतंकवाद और कट्टरपंथ की बात भी विरोधियों की तरफ से की जाती रही है। अब मीनाक्षी लेखी के ताजा बयान से इस मामले में सियासत के गरमाने के आसार दिख रहे हैं। क्योंकि उन्होंने तमाम देशों में हिंदू धर्म को मान्यता न मिलने पर अपना क्षोभ जताया है।