नई दिल्ली। आज गणतंत्र दिवस है। देश इस बार 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर दिल्ली के राजपथ पर देश की आन-बान और शान को पूरे विश्व को दिखाया गया।
-एक-एक कर राज्यों और विभागों की 25 झांकियां राजपथ से निकलीं।
-एनसीसी के महिला दस्ते के बाद एनएसएस के दस्ते का राजपथ पर मार्च।
-बीएसएफ के ऊंट दस्ते ने भी राष्ट्रपति को सलामी दी।
-केंद्रीय बलों के बाद एनसीसी और एनएसएस के दस्तों का भी राजपथ पर प्रदर्शन।
-सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और बीएसएफ के दस्तों ने राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी।
-केंद्रीय बलों के जवानों ने शानदार मार्चपास्ट किया।
-दिल्ली पुलिस के मार्चिंग दस्ते ने राजपथ पर राष्ट्रपति को सलामी दी।
-तटरक्षक बलों के दस्ते ने राजपथ पर सलामी दी।
-वायुसेना की झांकी में नेट और अन्य विमान के मॉडल दिखाए गए हैं।
-वायुसेना के दस्ते ने अब राष्ट्रपति कोविंद को सलामी दी।
-राजपथ पर नौसेना ने अपनी झांकी का प्रदर्शन किया। इस झांकी में देश में बने पहले विमानवाहक पोत विक्रांत का मॉडल दिखाया गया है।
-नौसेना के दस्ते ने राष्ट्रपति को सलामी दी।
-राजपथ पर अब पैरा कमांडो का दस्ता पहुंचा। ये रेजिमेंट कठिन ऑपरेशन में सक्रिय हिस्सेदारी करता रहा है। पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक पैरा कमांडोज ने ही की थी।
-जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंट्री के जवानों ने राष्ट्रपति को सलामी दी। जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल इस रेजीमेंट का युद्धघोष।
-सिख लाइट इन्फेंट्री के जवानों ने दी सलामी।
-असम रेजिमेंट के दस्ते ने कैप्टन गौरव राणा के नेतृत्व में राजपथ पर मार्च किया।
-मद्रास रेजिमेंटल सेंटर के बैंड ने राष्ट्रपति को सलामी दी।
-राजपूत रेजिमेंट ने 1950 के दशक की वर्दी में राष्ट्रपति को सलामी दी।
-राजपूत रेजिमेंट के दस्ते ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सलामी दी।
-राजपथ पर आकाश मिसाइल सिस्टम का प्रदर्शन। इस मिसाइल से दुश्मनों के विमानों और मिसाइलों को ध्वस्त किया जा सकता है।
-आसमान से हेलीकॉप्टरों के जरिए राजपथ पर फूल बरसाए जा रहे हैं।
-भारत में बना इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम प्रदर्शित किया गया।
-सेना का ब्रिज सिस्टम सलामी मंच के सामने। इससे कहीं भी सेना मजबूत पुल बना सकती है।
-धनुष होवित्जर गन के दस्ते ने राष्ट्रपति को सलामी दी। इस गन से किसी भी जगह दुश्मन को नेस्तनाबूद किया जा सकता है।
-75×24 गन का प्रदर्शन राजपथ पर किया जा रहा है। भारत में विकसित पहली स्वदेशी तोप है।
-बीएमपी 2 को भी इस बार प्रदर्शित किया गया।
-बीएमपी 1 का दस्ता राजपथ पर। सेना के जवानों को दुश्मनों की मार के बीच हमला करने के लिए इसमें बिठाकर ले जाया जाता है।
-राजपथ पर सेना के शौर्य की तस्वीरें देश देख रहा है।
-अर्जुन टैंक के जरिए राष्ट्रपति को सलामी दी गई।
-पीटी 76 टैंकों ने पाकिस्तान पर कहर बरपा दिया था।
-1965, 1971 के युद्ध में हिस्सा लेने वाले टैंकों का प्रदर्शन।
-61वीं घुड़सवार सेना के जवान राजपथ पर पहुंचे। दुनिया की सबसे पुरानी सेना की विंग है।
-परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार और योगेंद्र सिंह यादव ने राष्ट्रपति को सलामी दी।
-लेफ्टिनेंट जनरल वीके मिश्रा ने परेड की कमान करते हुए राष्ट्रपति को सलामी दी।
-एमआई 17 हेलीकॉप्टर राष्ट्रीय ध्वज लेकर आए।
-शांतिकाल का सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है अशोक चक्र।
-आतंकियों के कब्जे से परिवार को छुड़ाकर एएसआई बाबूराम ने घर में घुसकर आतंकियों को ढेर किया।
-जम्मू-कश्मीर पुलिस के एएसआई बाबूराम को मरणोपरांत अशोक चक्र से राष्ट्रपति ने सम्मानित किया।
-सेना के बैंड ने राष्ट्रीय धुन बजाकर देश के झंडे को सलामी दी।
-राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सेना ने 21 तोपों की सलामी दी।
-पीएम मोदी ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर अमर जवानों को श्रद्धांजलि दी।