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Birth Anniversary: तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की 74वीं जयंती आज, आइये जानते हैं उनकी जीवनी

Birth Anniversary: 15 साल की उम्र में तो उन्होंने कन्नड़ फिल्मों में और फिर तमिल फिल्मों की ओर रूख किया। जयललिता उस समय की पहली ऐसी अभिनेत्री थीं, जिन्होंने स्कर्ट पहन कर एक्टिंग की, जो उस दौर की बहुत बड़ी बात मानी गई।

नई दिल्ली। दक्षिण भारतीय क्षेत्र के तमिलनाडु राज्य में लोगों के बीच अम्मा के नाम से जानी जाने वाली जयललिता का जन्मदिन है। लोग उन्हें अपनी मां मानते थे और भगवान की तरह उनकी पूजा करते थे। एक दौर में तमिल फिल्म इंडस्ट्री की सुपर स्टार रहीं जयललिता की आज 74वीं जयंती है। 24 फरवरी, 1948  को कर्नाटक के मेलुरकोट गांव के एक तमिल ब्राह्मण परिवार में जन्म लेने वाली जयललिता के पिता का निधन तब ही हो गया था, जब वो मात्र दो वर्ष की थीं। पिता के निधन के बाद उनकी मां जयललिता को साथ लेकर बेंगलुरू में अपने माता-पिता के घर आ गईं थीं और वहां जाकर उन्होंने तमिल सिनेमा में काम करना शुरू कर दिया। बेंगलुरू और चेन्नई में शिक्षा प्राप्त करने वाली जयललिता ने घर की आर्थिक तंगी अपने स्कूल के दौरान ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। उनकी पहली फिल्म एक अंग्रेजी फिल्म ‘एपिसल’ थी।

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15 साल की उम्र में तो उन्होंने कन्नड़ फिल्मों में और फिर तमिल फिल्मों की ओर रूख किया। जयललिता उस समय की पहली ऐसी अभिनेत्री थीं, जिन्होंने स्कर्ट पहन कर एक्टिंग की, जो उस दौर की बहुत बड़ी बात मानी गई। उस दौर में साउथ फिल्मों के सबसे लोकप्रिय अभिनेता एम जी रामचंद्रन के साथ उनकी जोड़ी को लोगों ने बहुत पसंद किया। लोगों की पसंद को देखते हुए 1965 से 1972 के दौर में उन्होंने अधिकतर फिल्में एमजी रामचंद्रन के साथ कीं। जयललिता ने अपने पूरे फिल्मी करियर में 300 से ज़्यादा तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में काम किया।

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अभिनेता एमजी रामचंद्रन ने राजनीति में कदम रखा तो जयललिता ने उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते हुए पॉलिटिक्स में प्रवेश किया। जयललिता एमजी रामचंद्रन के बाद सत्ता में लगातार दूसरी बार आने वाली तमिलनाडु की पहली राजनीतिज्ञ थीं। एमजी रामचंद्रन ने 1977 से 1988 तक लगातार सत्ता में बने रहने की हैट्रिक लगाई थी। पिछले कई दशकों से साउथ के द्रविड़ प्रदेश की राजनीति बारी-बारी से कभी जयललिता तो कभी करुणानिधि के इर्द-गिर्द घूमती रही थी। काफी अड़चनों के बावजूद विवादों में रहने वाली जयललिता 1991 में पहली बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री चुनी गईं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जनता की भलाई के लिए बहुत से काम किए। 5 दिसम्बर 2016 को रात 11:30 बजे जयललिता का निधन हो गया।