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APJ Abdul Kalam: ‘मिसाइल मेन’ डॉ एपीजे अब्‍दुल कलाम की 7वीं पुण्यतिथि आज, ट्वीटर पर श्रद्धाजंलि देकर लोगो ने किया उन्हें याद

APJ Abdul Kalam: शायद यही कारण है कि उन्‍हें पीपुल्‍स प्रेसिडेंट कहा जाता था। अब्दुल कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति थे। उन्होंने 2002 के राष्ट्रपति चुनाव में लक्ष्मी सहगल के खिलाफ चुनाव में 9,22,884 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की थी। उनका कार्यकाल 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक रहा था।

नई दिल्ली। पूर्व राष्‍ट्रपति डॉ एपीजे अब्‍दुल कलाम की लोगों के दिलों में अलग ही जगह बनी हुई है। एक महान विचारक, लेखक और वैज्ञानिक के साथ ही भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आज 7वीं पुण्यतिथि है। आज भले ही कलाम हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनका आदर्शों भरा जीवन हर एक देशवासी को जीवन में अग्रसर रहने और सफलता की सीढ़ियों पर निरंतर चलते रहने को प्रेरित करता रहता है। उनकी यादें अमिट हैं। मिसाइल मैन को याद करते हुए बड़ी संख्‍या में लोगों ने माइक्रोब्‍लॉगिंग साइट ट्विटर पर उन्‍हें श्रद्धांजलि दी। इससे कलाम ट्वीटर पर ट्रेंड करने लगे। कलाम की पुण्यतिथि ऐसे समय पड़ी है जहां एक तरफ देश की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  ने  सोमवार को राष्‍ट्रपति पद की शपथ ली है। वहीं, रामनाथ कोविंद की राष्‍ट्रपति भवन से विदाई हुई है। बेशक, आजादी के बाद देश को 15 राष्ट्रपति मिल चुके हैं। लेकिन, जिस तरह की छाप एपीजे ने छोड़ी उसकी तुलना करना असंभव है। शायद यही कारण है कि उन्‍हें पीपुल्‍स प्रेसिडेंट कहा जाता था। अब्दुल कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति थे। उन्होंने 2002 के राष्ट्रपति चुनाव में लक्ष्मी सहगल के खिलाफ चुनाव में 9,22,884 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की थी। उनका कार्यकाल 25 जुलाई 2002 से 2007 तक रहा था।

APJ Abdul Kalam

कलाम को श्रद्धाजंलि

ट्विटर पर लोगों ने कलाम को श्रद्धांजलि देते हुए उन्‍हें देश का सच्‍चा हीरो बताया। एक यूजर ने कहा कि कलाम अक्‍सर छात्रों से बातें किया करते थे। उन्‍हें बड़ा सोचने की सीख दिया करते थे। उनके द्वारा कई  पुस्‍तकें भी लिखीं गई है। कलाम को देश-विदेश की 48 यूनिवर्सिटी और संस्‍थानों से डॉक्‍टरेट की मानद उपाधि मिली। कलाम इंडिया के तीसरे राष्ट्रपति थे जिन्हें यह पद से पहले ही भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका था। इसके पहले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ. जाकिर हुसैन को भी राष्ट्रपति बनने से पहले भारत रत्न मिल चुका था। अब्दुल कलाम 2002 में राष्ट्रपति बने थे और उन्हें  1997 में भारत रत्न मिला था।

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कलाम हर पीढ़ी के चहेते है

अब्दुल कलाम बच्‍चों और युवाओं के चहेते थे। इसका कारण यह था कि कलाम उन्‍हें बड़ा सोचने के लिए कहते थे और उस सोच पर अमल करने को भी कहते थे। उन्‍हें भी बच्चों के बीच समय बिताना बेहद पसंद था। वह अक्‍सर विश्‍वविद्यालयों के सेमिनार और कार्यशालाओं में पहुंचते थे। 27 जुलाई 2015 को शिलोंग आईआईएम में आयोजित एक कार्यक्रम में कलाम गए थे। जहां उनकी अचानक कार्डिएक अरेस्ट से मौत हुई थी। उनकी मौत से पूरा देश शोक में था।