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अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को ABVP ने बताया प्रेस स्वतंत्रता पर कुठाराघात, कहा- बदले की भावना से काम करना अशोभनीय

Arnab Goswami arrest: अर्नब गोस्वामी(Arnab Goswami) को महाराष्ट्र सीआईडी(Maharashtra CID) ने 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक की आत्महत्या की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया है।

नई दिल्ली। 4 नवंबर की सुबह महाराष्ट्र पुलिस (Maharashtra Police) की रायगढ़ यूनिट ने रिपब्लिक टीवी के मालिक और मुख्य संपादक अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) के घर पर छापा मारा और उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। जिस मामले में अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की गई है वो दो साल पुराना मामला है और ये केस बंद भी हो चुका है। ऐसे में इस गिरफ्तारी को लेकर देशभर में तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ABVP) ने महाराष्ट्र पुलिस की इस कार्रवाई पर जमकर निशाना साधा है और कहा कि, बदले की भावना से काम करना लोकतंत्र में अशोभनीय है। ABVP ने इस मामले में कहा कि, आज महाराष्ट्र पुलिस द्वारा रिपब्लिक टीवी के मुख्य संपादक अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करती है । अर्णब गोस्वामी की आज बुधवार सुबह उनके निवास स्थान से की गई गिरफ्तारी आपातकाल के दिनों की भांति ही मौलिक स्वतंत्रता पर एक अभूतपूर्व हमला है तथा दुर्भावनावश हुई इस अवैध गिरफ्तारी ने देश में प्रेस स्वतंत्रता पर कुठाराघात किया है।

Arnab goswami

ABVP की तरफ से कहा गया है कि, महाराष्ट्र सरकार द्वारा किया गया यह कृत्य मीडिया स्वतंत्रता तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को समाप्त करने की साज़िश है‌। अर्णब गोस्वामी ने पालघर में भीड़ द्वारा साधुओं की हत्या सहित महाराष्ट्र में घट रही विभिन्न अवांछित घटनाओं पर राज्य सरकार को आईना दिखाया था, इन सब घटनाओं की रिपोर्टिंग पर बदले की भावना से काम करना लोकतांत्रिक सरकारों के लिए अशोभनीय है।

अभाविप ने इस मामले की तुलना आपातकाल से करते हुए कहा कि, महाराष्ट्र पुलिस द्वारा जांच के बाद 2018 में हुए आत्महत्या के एक बंद हो चुके मामले को पुनः केवल बदला लेने के लिए सरकार द्वारा खोला जाना निश्चित रूप से महाराष्ट्र सरकार के अलोकतांत्रिक चेहरे को उजागर करता है । महाराष्ट्र पुलिस द्वारा अर्णब गोस्वामी के साथ की गई मारपीट तथा उनके परिवार के सदस्यों साथ किया गया दुर्व्यवहार आपातकाल के दौर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के क्रूर दमन की भयावह याद दिलाता है।

ABVP Letter

अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा, “अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी महाराष्ट्र में मौलिक स्वतंत्रता के हनन तथा राज्य सरकार के बढ़ते अलोकतांत्रिक चरित्र को उजागर करता है‌। सावधानीपूर्वक जांच के बाद बंद कर दिए गए मामले को पुनः खोलकर अर्णब की गिरफ्तारी केवल और केवल उन्हें परेशान करने के उद्देश्य को स्पष्ट करती है तथा महाराष्ट्र सरकार द्वारा मीडिया की निडर तथा प्रभावशाली आवाज को धमकाने की कोशिश मात्र है। यह आपातकाल के बुरे दिनों की याद को फिर से ताजा करने वाला है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अर्णब गोस्वामी की शीघ्र रिहाई और असहमति के अवैध अपराधीकरण को रोकने की मांग करती है।

abvp

आपको बता दें कि अर्नब गोस्वामी को महाराष्ट्र सीआईडी ने 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक की आत्महत्या की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। वहीं अलीबाग पुलिस स्टेशन से ले जाते समय रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी ने कहा,”जनता जीतेगी..हम लड़ेंगे। उद्धव ठाकरे और परमवीर मेरा कुछ नहीं कर सकते। वो मुझे चाहे जितना मारे। मैं जनता से अपील करता हूं आवाज़ उठाएं।”