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Rajasthan: ACB ने किया ED अधिकारी को गिरफ्तार, 15 लाख घुसखोरी लेने का आरोप, जानें पूरा माजरा

Rajasthan: एसीबी अधिकारी ने इस पूरे मामले पर बयान जारी कर कहा कि प्रवर्तन निदेशालय अधिकारी नवल किशोर मीणा और उनके सहयोगी बाबू लाला मीणा को आरोपी से 15 लाख रुपए रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मिली जानकारी के मुताबिक, रिश्वत की यह रकम आरोपी को गिरफ्तारी से बचाने के एवज में भी ली गई थी।

नई दिल्ली। राजस्थान एसीबी ने ईडी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। दरअसल, एसीबी ने 15 लाख रिश्वत मांगने के आरोप में ईडी अधिकारी नवल किशोर मीणा को गिरफ्तार किया है। मीणा पर आरोप है कि उन्होंने आरोपी से उक्त रकम गिरफ्तारी से बचाने के एवज में मांगी थी। फिलहाल, आरोपी को केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया है। एसीबी अधिकारी ने बताया कि आय से अधिक संपत्ति मामले में भी ईडी अधिकारी के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। फिलहाल, यह कार्रवाई आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आपको बता दें कि इस पूरे मामले ने एक बार फिर से राजस्थान की राजनीति का पारा गरम कर दिया है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि इस पूरे मामले पर एसीबी अधिकारी ने क्या कुछ कहा है ?

बता दें कि एसीबी अधिकारी ने इस पूरे मामले पर बयान जारी कर कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने अधिकारी नवल किशोर मीणा और उनके सहयोगी बाबू लाला मीणा को आरोपी से 15 लाख रुपए रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। मिली जानकारी के मुताबिक, रिश्वत की यह रकम आरोपी को गिरफ्तारी से बचाने के एवज में ली गई थी। वहीं, एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी ने कहा कि, ‘आरोपी को गिरफ्तारी से बचाने के एवज में नवल द्वारा 17 लाख रुपए की मांग की गई थी, जिसमें से उन्हें 15 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया गया था। सनद रहे कि आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए ईडी एक्शन मोड में है। बीते दिनों जहां ईडी ने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर छापेमारी की थी, तो वहीं सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को फेमा मामले में समन जारी किया था।

ED 66

ध्यान दें, राजस्थान में आगामी 29 नवंबर को चुनाव होने हैं। नतीजों की घोषणा 3 दिसंबर को होगी। फिलहाल, चुनाव प्रचार का सिलसिला अपने चरम पर पहुंच चुका है। सभी दलों के सियासी सूरमा जनता जनार्दन को रिझाने की दिशा में अपनी ताकत झोंक रहे हैं। अब ऐसे में सूबे का सियासी पारा क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।