
नई दिल्ली। पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार सीआरपीएफ से बर्खास्त असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (एएसआई) मोती राम जाट के बारे में एक खुलासा हुआ है। एबीपी न्यूज ने सूत्रों के हवाले से ये खबर दी है कि मोती राम जाट आतंकी हमले से ठीक पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में तैनात था। पहलगाम में आतंकी हमले से 6 दिन पहले ही जासूसी के आरोप में गिरफ्तार सीआरपीएफ कर्मचारी मोती राम जाट का ट्रांसफर हुआ था। न्यूज चैनल एबीपी के मुताबिक पहलगाम में तैनात रहते ही मोती राम जाट के पाकिस्तानी हैंडलर्स से कथित संबंधों के बारे में अलर्ट भी जारी किया गया था। मोती राम जाट को राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है।
एनआईए के मुताबिक सीआरपीएफ का एएसआई मोती राम जाट पहलगाम में तैनात 116वीं बटालियन में था। एनआईए का दावा है कि मोती राम जाट ने पाकिस्तान के खुफिया एजेंटों को साल 2023 से ही संवेदनशील जानकारियां देनी शुरू की थीं। इसके बदले में उसे पैसा मिलता था। एनआईए के मुताबिक सीआरपीएफ कर्मचारी ने भारतीय सुरक्षा बलों, सैन्य ठिकानों और अन्य गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स को भेजी थीं। सीआरपीएफ ने मोती राम जाट को 21 मई 2025 को ही सेवा से बर्खास्त कर दिया है। सीआरपीएफ ने बयान में ये भी कहा है कि मोती राम जाट ने नियमों और प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किए थे। न्यूज चैनल एबीपी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मोती राम जाट पहलगाम में तैनाती के दौरान ही एनआईए के रडार पर आया था।

हालांकि, सूत्रों का कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले में मोती राम जाट के मिले होने के सबूत हासिल नहीं हुए हैं। उसके खाते में हर महीने विदेश से 3000 रुपए आने का पता चला है। अंग्रेजी अखबार द हिंदू के मुताबिक पाकिस्तान की महिला ने मोती राम जाट से बात करनी शुरू की और फिर उसे जासूसी के जाल में फंसाया। इससे पहले पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकियों ने 26 लोगों की जान ली थी। इनमें 25 हिंदू थे। आतंकियों ने सभी का धर्म पता कर, कलमा पढ़ने को कहकर और यहां तक कि पैंट उतार प्राइवेट पार्ट देखने के बाद तस्दीक की और फिर गोली मारी थी।