
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर अपमानजनक टिप्पणी कर दी थी, जिस पर कल गुजरात के सूरत कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया और दो साल की सजा भी सुनाई, लेकिन राहत की बात यह रही कि कांग्रेस नेता को तत्काल बाद जमानत भी मिल गई, लेकिन अभी उनकी मुश्किलें कम नहीं हुईं हैं। दरअसल, उन्हें 30 दिनों के उपरांत हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा। उधर, पटना में भी राहुल के खिलाफ मानहानि के तहत मुकदमा दर्ज है। अगर इस मामले में भी वो दोषी करार दिए जाते हैं, तो उनकी सदस्यता रद्द होगी और जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक, किसी भी राजनेता की सदस्यता रद्द होने के बाद उसके 6 वर्षों तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है।
बहरहाल, इस पूरे मसले को लेकर विपक्षी दलों में कोहराम मचा हुआ है। विपक्ष एकजुट होकर राहुल का साथ दे रहा है। अरविंद केजरीवाल से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राहुल का सपोर्ट किया है। वहीं, अब अखिलेश यादव ने राहुल के समर्थन में बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी लगातार विपक्षियों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। लगातार विपक्षी दलों के नेताओं की सदस्यता रद्द की जा रही है। अखिलेश ने कहा कि इसी सरकार के कार्यकाल में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की सदस्यता रद्द की गई है। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर बीजेपी नेताओं के खिलाफ दर्ज हुए मकुदमों की जांच की जाए, तो एक-एक करके सभी नेताओं की सदस्यता रद्द हो जाएगी।
उन्होंने राहुल का सपोर्ट कर कहा कि उनके साथ जो कुछ भी हुआ है, वो गलत हुआ है। मैं इसका विरोध करता हूं। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी लगातार मुद्दों से भटकाने के लिए विपक्षी नेताओं के खिलाफ यह कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में राहुल के खिलाफ भी उक्त कार्रवाई की गई है। बता दें कि अखिलेश के अलावा भी विपक्ष के कई नेता राहुल के समर्थन में आ चुके हैं। बीते गुरुवार को आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस के साथ हमारे वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मैं राहुल गांधी के खिलाफ हुई इस कार्रवाई का विरोध करता हूं। यही नहीं, विपक्ष के कई नेताओं ने राहुल को सजा सुनाए जाने पर कहा कि आज की तारीख में न्यायपालिका भी दबाव में है।
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आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक सभा को संबोधित करने के क्रम में कहा था कि सारे मोदी चोर क्यों होते हैं? इस बीच उन्होंने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी का भी जिक्र किया था। उनके इस बयान के विरोध में गुजरात में मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें दोषी करार देने के बाद उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई।