
धौलपुर। जुनून हो तो मंजिल हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता। इसे धौलपुर के वकील हर्ष गर्ग ने साबित कर दिखाया है। हर्ष गर्ग ने वो हासिल किया है, जिसकी नजीर शायद दूसरी नहीं होगी। राजस्थान के धौलपुर में रहने वाले हर्ष गर्ग ने बचपन में अपना अपहरण करने वालों को उम्रकैद की सजा दिलाने में सफलता हासिल की। हर्ष गर्ग जब महज 7 साल के थे, उस वक्त 8 आरोपियों ने उनका अपहरण कर लिया था। अपहरण करने वालों की चंगुल से हर्ष गर्ग छूटे और उसके बाद बड़े होने पर उन्होंने दोषियों को सजा दिलाने की तैयारी की।
अपने अपहरणकर्ताओं को सजा दिलाने के लिए हर्ष गर्ग ने कानून की पढ़ाई की। वो वकील बने और फिर खुद को अगवा करने वाले दोषियों को कोर्ट के कटघरे में खड़ा किया। कोर्ट में हर्ष गर्ग ने अगवा करने वालों के खिलाफ सबूत और दलीलें पेश की। इस पर धौलपुर के कोर्ट ने 17 सितंबर 2024 को सभी 8 लोगों को हर्ष गर्ग को अगवा करने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुना दी। इसके साथ ही हर्ष गर्ग ने अपने अपहरणकर्ताओं को सजा दिलाने का जो इरादा ठाना था, वो भी पूरा हो गया। हर्ष गर्ग धौलपुर के खेरागढ़ के निवासी हैं। अविनाश गर्ग ने 10 फरवरी 2007 को बेटे हर्ष को अगवा करने का केस दर्ज कराया था। अविनाश ने पुलिस से शिकायत की थी कि उनके भाई रवि गर्ग बेटे हर्ष गर्ग के साथ मेडिकल स्टोर पर थे। तभी पुलिस की वर्दी पहने 1 दर्जन बदमाश आए और हर्ष को अगवा कर ले गए।
Dhoulpur, Rajasthan: Harsh Garg, who was kidnapped, grew up to become a lawyer and successfully prosecuted eight individuals who kidnapped him when he was 7-years-old. On September 17, 2024, the court sentenced the eight accused to life imprisonment for the abduction. pic.twitter.com/1QY3wbIbeF
— IANS (@ians_india) September 21, 2024
हर्ष गर्ग को जब अगवा किया गया, उस वक्त उनके पिता रवि गर्ग को बदमाशों ने गोली भी मार दी थी। तब धौलपुर के एसएसपी जेके गोस्वामी ने हर्ष गर्ग को तलाशने के लिए पुलिस की कई टीमों को लगाया था। अपहरण की घटना के 27 दिन बाद हर्ष गर्ग को पुलिस ने बरामद किया था। हर्ष गर्ग ने आगरा कॉलेज से कानून की पढ़ाई की। इसके बाद 2023 में पहला केस ही उन्होंने खुद को अगवा किए जाने का लड़ा। हर्ष गर्ग की पैरवी से उनको अगवा करने वाले राजकुमार, भीकम भिखारी, राजेश शर्मा, अमर सिंह उर्फ राजबब्बर, बलवीर उर्फ राजवीर, फतेह सिंह उर्फ झिंगा, गुड्डन काछी और रामप्रकाश को सजा हुई।