
नई दिल्ली। ‘मैं 25 साल की हूं। अपने फैसले ले सकती हूं’। यही कहकर अपने माता-पिता को छोड़कर आफताब पूनावाला संग रहने का फैसला श्रद्धा ने लिया था। मां ने बहुत समझाया, लेकिन इश्क के खुमार में मदहोश श्रद्धा को अपनी मां की एक बात भी गवारा नहीं लगी। मास मीडिया में स्नातक करने के बाद श्रद्धा मुंबई के एक कॉल सेंटर में नौकरी करने लगी। जहां उसकी मुलाकात आफताब पुनावाला से हुई। दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे और लिव इन में रहने का फैसला किया और यह बात श्रद्ध ने खुद अपने माता-पिता को बताई थी कि वो आफताब से प्यार करती है। उसके साथ लिव इन में रहना चाहती है, जिस पर उसके माता- पिता ने एतराज जताया था, तो श्रद्धा घर छोड़कर मुंबई से सीधा दिल्ली आ गई और यहीं आफताब संग महरौली में रहने लगी।
खबरों की मानें तो श्रद्धा आफताब से जब शादी करने को कहती थी, तो वो गुस्सा हो जाता। यही नहीं, श्रद्धा की चिंता उस वक्त और ज्यादा बढ़ गई, जब उसने कई बार आफताब को दूसरी लड़कियों संग चेंटिग करते पकड़ लिया था, जिसके बाद दोनों के बीच मारपीट भी हुई। कथित तौर पर आफताब ने कई बार श्रद्धा को मारा भी था, जिसके बारे में उसने अपनी मां को भी बताई थी। मां ने उसे घर आने के लिए भी कहा, लेकिन समाज क्या कहेंगे सोचकर उसके कदम रुक जाते थे और घुट-घुट कर ही आफताब संग रहने को मजबूर थी। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि श्रद्धा कई बार शक जता चुकी थी कि आफताब उसकी जान ले सकता है, जिसके बारे में उसने अपने दोस्तों को भी बताया था। उसके दोस्तों ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए आफताब के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात कही थी, लेकि श्रद्धा ने खुद अपने दोस्तों को रोक लिया। काश अगर श्रद्धा ने उस वक्त अपने दोस्तों को नहीं रोका होता तो आज उसके साथ यह हादसा ना होता।
आमतौर पर श्रद्धा सोशल मीडिया पर सक्रिय रहती थी, जिससे उसके माता-पिता अपनी बेटी की खबर लिया करते थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से वो सोशल मीडिया पर पूरी तरह से निष्क्रिय हो गई, जिसके बाद उसके माता-पिता चिंतित हो गए। कथित तौर पर श्रद्धा की अपनी मां से भी फोन पर बात होती थी, लेकिन दावा किया जा रहा है कि फोन पर बात बंद हो गई। ऐसे में श्रद्धा के माता-पिता ने पुलिस का रुख किया। पुलिस ने मामले की शिकायत दर्ज की और जांच का सिलसिला शुरू किया तो इस खौफनाक दास्तां का खुलासा हुआ।
आफताब पुनावाला ने मई में ही श्रद्धा को मौत के घाट उतार दिया था। क्रूरता की सारी हदों को पार करते हुए उसने श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े कर दिए। जिसके बाद उसने उन टुकड़ों को फ्रीज में रख दिए। उसने अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने के लिए बड़ा फ्रीज भी खरीदा था। इन टुकड़ों को आफताब 18 दिनों तक महरौली के जंगलों सहित अन्य इलाकों में ठिकाने लगाता रहा, ताकि किसी को भी कोई शक ना हो। इसके साथ ही किसी को भी इस बात की खबर ना हो कि वह श्रद्धा को मौत के घाट उतार चुका है, वो ऑनलाइन हर चीज दो ऑर्डर करता था, ताकि सभी को लगे कि श्रद्धा भी उसके साथ है, लेकिन उसका यह खेल ज्यादा दिनों तक नहीं चला और अब वह पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है।
उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सख्त से सख्त सजा दिए जाने की मांग की जा रही है। आम लोग सहित सियासी गलियारों से भी आफताब के कुकृत्य को लेकर रोष देखने को मिल रहा है। लेकिन, इस बीच पूरे मामले को लेकर मजहबी लबादा भी पहना दिया गया है। दरअसल, अब इस बात को लेकर बहस शुरू हो चुकी है कि वो मुस्लिम था की पारसी ? इस बहस को जन्म देने के लिए तर्क दिया जा रहा है कि पुनावाला पारसी में भी लगता और कोई दोमत नहीं है कि मुस्लिमों में भी लगता है। अब ऐसे में सवाल यह है कि श्रद्धा कतिल मुस्लिम या पारसी?
वहीं, सोशल मीडिया पर कई लोग सामने आए हैं, जो आफताब पुनावाला को पारसी बता रहे हैं और कह रहे हैं कि आफताब को मुस्लिम इसलिए बताया जा रहा है, ताकि मुस्लिमों को बदनाम किया जा सकें, जबकि सच्चाई यह है कि वो मुस्लिम नहीं, बल्कि पारसी है। सोशल मीडिया पर लोग इस बात की पुष्टि करने क लिए तरह-तरह के तर्क दे रहे हैं। आइए, हम आपको कुछ ट्वीट दिखाते हैं। हालांकि, इस बीच आफताब ने इंस्टा पोस्ट के जरिए यह साफ कर दिया है कि वो पारसी नहीं, बल्कि मुस्लिम हैं , लेकिन बावजूद इसके सोशल मीडिया पर इस बहस को जन्म दे दिया गया है, ताकि मामले को नया एंगल दे दिया जा सकें।
Iska Bhi Answer De Sanskari R@pist bc
Only one Sara HOA Samaj in entire world stand welcome Does Aarti Distributes sweets fir R@pist Ki11ers No one Else even tho Aftab is Parsi not muslim but u mfs targeting muslim pic.twitter.com/zVXo9siekJ— MaynZalik (@XunizXan) November 14, 2022
Aftab ponamwala is the name of the guy. He was a parsi. Not that it matters but ppl will again paint it as hindu muslim conflict.
It was a inhumane act against a innocent girl.
— Syed Mahmood (@Syed5056) November 14, 2022
Balatkari ka samarthan karne walon suno meri baat.
Tumko us ladki ke maut ka afsos nahi hai..tumko sirf Aftab naam hone se problem hai…waise wo aftab poonawala(parsi) hai.
— MOHAMMAD MERAJ ALAM (@MOHAMMA03754561) November 14, 2022
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आमतौर पर देखा जाता है कि जब किसी भी जघन्य हत्याकांड में आरोपी मुस्लिम और पीड़ित गैर-मुस्लिम निकलता है, तो पूरे मामले को मजहबी लबादा पहना दिया जाता है, जिससे विवादों का बाजार गुलजार हो जाता है। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है, लेकिन हमारे समाज में कुछ ऐसे भी लोग सामने आ रहे हैं, जिनका साफ कहना है कि आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई ऐसी कुकृत्य करनै की जुर्रत ना कर सकें।