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Shramjeevi Blast Case: श्रमजीवी एक्‍सप्रेस बम विस्‍फोट मामले में 19 वर्ष बाद कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, दो आतंकियों को दी सजा-ए-मौत

Shramjeevi Blast Case: जौनपुर जिला न्यायालय में बुधवार को सुनवाई हुई, जिसमें बांग्लादेशी आतंकी हिमालुद्दीन उर्फ हेलाल और पश्चिम बंगाल के नफीकुल विश्वास को पेश किया गया। दोनों व्यक्तियों को फाँसी की सज़ा दी गई और 5-5 लाख का जुर्माना लगाया गया। यह फैसला अदालत द्वारा एक दिन पहले दोनों आरोपी को बम ब्लास्ट के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद आया है।

नई दिल्ली। श्रमजीवी एक्सप्रेस बम विस्फोट मामले से जुड़े एक अहम घटनाक्रम में उत्तर प्रदेश के जौनपुर की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। जौनपुर कोर्ट ने दो आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई है और 5-5 लाख का जुर्माना लगाया है। यह फैसला 28 जुलाई 2005 को श्रमजीवी एक्सप्रेस पर सिंगरौली रेलवे स्टेशन के हरिहरपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास हुए बम विस्फोट के सिलसिले में आया है। विस्फोट जनरल बोगी में हुआ, जिससे 14 लोगों की दुखद मौत हो गई, जबकि 62 से अधिक यात्री घायल हो गए थे। इस घटना के बाद रेलवे की सुरक्षा को लेकर भी बड़े सवाल उठे थे। लोगों के मन में कई बार ये सवाल आते थे कि क्या वाकई भारतीय ट्रेनों में सफ़र करना सुरक्षित है? अब कोर्ट ने जब इसको लेकर बड़ा फैसला सुनाया है तो जाहिर तौर पर हमले में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को न्याय मिला है।

 

घटना से जुड़े मुख्य बिंदु.. 

बम विस्फोट की तारीख: 28 जुलाई 2005
स्थान: हरिहरपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास, सिंगरौली रेलवे स्टेशन
ट्रेन: श्रमजीवी एक्सप्रेस
हताहत: 14 मरे, 62 से ज्यादा लोग घायल हुए थे

जौनपुर जिला न्यायालय में बुधवार को सुनवाई हुई, जिसमें बांग्लादेशी आतंकी हिमालुद्दीन उर्फ हेलाल और पश्चिम बंगाल के नफीकुल विश्वास को पेश किया गया। दोनों व्यक्तियों को फाँसी की सज़ा दी गई और 5-5 लाख का जुर्माना लगाया गया। यह फैसला अदालत द्वारा एक दिन पहले दोनों आरोपी को बम ब्लास्ट के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद आया है।

अदालत की कार्यवाही..

आरोपी व्यक्ति: हिमालुद्दीन उर्फ़ हेलाल और नफीकुल विश्वास
फैसला: फाँसी की सजा सुनाई गई
जुर्माना लगाया गया: 5 लाख प्रत्येक आरोपी पर

गौरतलब है कि इससे पहले इस मामले में शामिल दो अन्य आरोपियों को भी जौनपुर कोर्ट मौत की सजा सुना चुकी है। एक पर बम बनाने का आरोप था, जबकि दूसरे पर विस्फोटक उपकरण रखने का आरोप था। जौनपुर कोर्ट में सुनवाई के दौरान कुल 43 गवाह पेश किये गये।