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Digvijay Singh: सर्जिकल स्ट्राइक पर घिरने के बाद भी नहीं सुधरे दिग्विजय, बयान पर अब-भी कायम, दी ये सफाई

कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार से अपने बयान को लेकर कुछ सवाल भी पूछे हैं। जाहिर है कि इन सवालों को लेकर आगामी दिनों में कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग का सिलसिला शुरू हो सकता है। बता दें कि दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि ये मोदी सरकार से मेरे वाजिब सवाल हैं।

नई दिल्ली। राहुल गांधी की जम्मू-कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग कर कांग्रेस को मुश्किलों में डाल दिया। हालात ऐसे बन गए हैं कि वरिष्ठ नेताओं की टोली को भी कुछ समझ नहीं आ रहा है कि कैसे पार्टी के पक्ष में बचावी रूख अख्तियार किया जा सकें। यही नहीं, जयराम रमेश ने तो मीडिया का माइक तक झटक दिया था, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि दिग्विजय के बयान के बाद कांग्रेस में किस तरह तूफान आ चुका है। उधर, आज राहुल गांधी ने दिग्गी के बयान पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।

digvijay singh

उन्होंने दो टूक कह दिया है कि उनका इस बयान से कोई लेना देना नहीं है। यह दिग्विजय सिंह का निजी बयान है ।इसके साथ ही उन्होंने देश की आजादी में कांग्रेस द्वारा दिए गए योगदानों का भी जिक्र किया और यह भी कहा कि जब कांग्रेस पार्टी देश को आजादी दिलाने की दिशा में काम कर रही थी, तो वहीं दूसरी तरफ आरएसएस अंग्रेजों की सेवा में जुटी थी। खैर, राहुल गांधी ने बेशक अपना रुख स्पष्ट कर दिया हो, लेकिन बीजेपी का हमला बदस्तूर जारी है।

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वहीं, दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार निशाना पर साधा है। जिसमें उन्होंने एक नहीं, दो नहीं, बल्कि चार सवाल पूछे हैं। साथ ही दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर मांगे गए सबूतों वाले बयान पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने दो टूक कह दिया है कि , ‘ कोई भी सेना के सबूत नहीं मांग कर रहा है। पठानकोट जैसी घटनाएं हैं, जिसमें आईएसआई को पूछताछ के लिए आमंत्रित किया गया था, पुलवामा हमले, गालवान की घटना इस सरकार के बारे में कई संदेह पैदा करती है।

उन्होंने आगे कहा कि मैंने अपने सशस्त्र बलों को सर्वोच्च सम्मान दिया है। मेरी दो बहनों की शादी नेवल ऑफिसर्स से हुई थी। मैं सहमत हूं @ प्रवीण डावर जी। रक्षा अधिकारियों से मेरे सवाल पूछने का सवाल ही नहीं उठता। मेरा सवाल मोदी सरकार से है।

इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार से अपने बयान को लेकर कुछ सवाल भी पूछे हैं। जाहिर है कि इन सवालों को लेकर आगामी दिनों में कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग का सिलसिला शुरू हो सकता है। बता दें कि दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि ये मोदी सरकार से मेरे वाजिब सवाल हैं। क्या मुझे एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में तथ्यों को जानने का अधिकार नहीं है? इस गंभीर चूक के लिए किसे दंडित किया गया है? किसी और देश में गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ता।

1- हमारे 40 CRPF जवानों के शहीद होने की अक्षम्य खुफिया विफलता के लिए कौन जिम्मेदार है? 2- आतंकवादी 300 किलो आरडीएक्स कहां से ला सकता था? 3- सीआरपीएफ जवानों को एयरलिफ्ट करने के सीआरपीएफ के अनुरोध को क्यों ठुकराया गया?

4- जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा आतंकवादियों के साथ पकड़े जाने के बाद पुलवामा के रहने वाले डीएसपी देविंदर सिंह को क्यों छोड़ा गया?
5- पुलवामा सबसे अधिक आतंकवादी प्रभावित स्थानों में से एक है, इलाके और वाहनों की जांच और सफाई क्यों नहीं की गई?

बता दें कि दिग्विजय सिंह ने यह स्पष्टीकरण ऐसे वक्त में दिया है, जब वे सर्जिकल स्ट्राइक के संदर्भ में सबूत मांगकर सवालों के घेरे में आ चुके हैं। बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर हो चुकी है। हालांकि, यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब दिग्विजय सिंह ने इस तरह का विवादित बयान दिया है। इससे पहले भी वे विवादित बयान दे चुके हैं। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।