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Rahul Gandhi: मानहानि मामले में सजा के बाद अब नई मुश्किल में राहुल गांधी, रेप पीड़ित के मामले में फंसने के आसार

इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता मकरंद सुरेश म्हाडलेकर ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दी और आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने बच्ची के माता-पिता के साथ फोटो को ट्विटर पर साझा किया। जो किशोर न्याय कानून और पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध है। इसी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अब एनसीपीसीआर से जवाब मांगा है।

नई दिल्ली। मानहानि मामले में सूरत के कोर्ट से 2 साल की सजा और इस वजह से संसद सदस्यता गंवाने वाले राहुल गांधी नई मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं। मामला रेप पीड़ित की पहचान उजागर करने का है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से 4 हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच के सामने ये मामला है। दरअसल, 9 साल की दलित बच्ची की 2021 में संदिग्ध हालात में मौत हुई थी। बच्ची के घरवालों का आरोप है कि उनकी बेटी से रेप कर हत्या की गई।

delhi high court

इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता मकरंद सुरेश म्हाडलेकर ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दी और आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने बच्ची के माता-पिता के साथ फोटो को ट्विटर पर साझा किया। ट्विटर ने इस फोटो को हटा दिया था और नोटिस दिए जाने पर हाईकोर्ट में उसका कहना था कि अब इस मामले में फोटो हटाने के बाद मकरंद सुरेश की अर्जी का कोई मतलब नहीं रह जाता, लेकिन कोर्ट ने इस दलील को नहीं माना। म्हाडलेकर का कहना था कि राहुल गांधी ने पीड़ित की पहचान उजागर कर किशोर न्याय कानून और पॉक्सो कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया।

rahul gandhi

मकरंद सुरेश म्हाडलेकर ने हाईकोर्ट में अर्जी देकर राहुल गांधी पर केस दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने राहुल गांधी पर इस रेप केस का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश का आरोप भी लगाया है। सामाजिक कार्यकर्ता की अर्जी पर सुनवाई के दौरान एनसीपीसीआर के वकील ने कोर्ट में कहा कि उनको कोई नोटिस नहीं मिला है। जिसके बाद कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा। एनसीपीसीआर के वकील ने हालांकि कोर्ट में कहा कि राहुल गांधी का रेप पीड़ित के माता-पिता के साथ फोटो वाला ट्वीट भले हटा दिया गया, लेकिन पीड़ित की पहचान उजागर करने के अपराध का मामला बनता है।