
नई दिल्ली। जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर कैश जलने के मामले के बाद हाईकोर्ट के जज चुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अब एक नई और सख्त प्रक्रिया तय की है। हाईकोर्ट के जजों के चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इंटरव्यू समेत कठिन प्रक्रिया शुरू की है। ‘बार एंड बेंच’ वेबसाइट के मुताबिक सीजेआई बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ ने हाईकोर्ट के जजों के चुनाव के लिए 1 जुलाई से तमाम उम्मीदवारों के इंटरव्यू लिए। वेबसाइट के मुताबिक मंगलवार सुबह से शुरू हुए इंटरव्यू बुधवार तक जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के तीनों जजों ने हर उम्मीदवार का आधे-आधे घंटे तक इंटरव्यू किया।

सूत्रों के हवाले से बार एंड बेंच ने बताया है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के तीनों जजों ने हाईकोर्ट के जज पद के लिए आए उम्मीदवारों के रिज्यूमे देखने के अलावा उनके कार्यक्षेत्र को भी जांचा। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ये देखना चाहता है कि बतौर हाईकोर्ट का जज संबंधित अभ्यर्थी कितनी क्षमता रखते हैं। हालांकि, पहले भी हाईकोर्ट जज चुनने के लिए अभ्यर्थियों के इंटरव्यू होते रहे हैं, लेकिन मौजूदा कॉलेजियम ने इसे और सख्त बनाया है। ताकि उम्मीदवारों को और बेहतर तरीके से जाना जा सके। इससे पहले जिन जजों का चुनाव हाईकोर्ट के लिए होता था, उनके बारे में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम मुख्य तौर पर संबंधित राज्य सरकारों से जानकारी हासिल करता था। इसके अलावा उसी हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट जजों से भी जानकारी ली जाती थी। साथ ही इंटेलिजेंस ब्यूरो से भी जांच कराई जाती थी।

बीते कुछ समय में जजों के फैसलों और कामकाज के बारे में तमाम सवाल उठे और फिर जस्टिस यशवंत वर्मा वाली घटना के कारण सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अब हाईकोर्ट के जजों के चुनाव में और सतर्कता बरतनी शुरू की है। पूर्व सीजेआई संजीव खन्ना ने जजों के चुनाव के लिए आमने-सामने बातचीत करने पर जोर दिया था। वेबसाइट के मुताबिक 1 जुलाई 2025 तक देश के 25 हाईकोर्ट में जजों के 371 पद खाली हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा था कि उन बाहरी ताकतों से सख्ती से निपटना चाहिए, जिनकी वजह से जजों की नियुक्ति संबंधी कॉलेजियम के प्रस्ताव रुक जाते हैं।