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Parliament Winter Session 2023: लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से हुए 34 सांसद निलंबित, पूरे सत्र से अब तक इतने MP सस्पेंड

Parliament Winter Session 2023: इससे पहले आज लोकसभा से भी 31 सांसद संस्पेंड किए गए। कुल मिलाकर अब तक विपक्ष के 67 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है, जिसका पूरा विपक्ष विरोध कर रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि संसद की सुरक्षा में चूक के मामले को उठाने की वजह से सांसदों को निलंबित किया जा रहा है, जो कि बिल्कुल भी उचित नहीं है।

नई दिल्ली। लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है। राज्यसभा से 34 सांसद सस्पेंड कर दिए गए हैं। इससे पहले आज लोकसभा से भी 31 सांसद संस्पेंड किए गए। कुल मिलाकर अब तक विपक्ष के 67 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है, जिसका पूरा विपक्ष विरोध कर रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि संसद की सुरक्षा में चूक के मामले को उठाने की वजह से सांसदों को निलंबित किया जा रहा है, जो कि बिल्कुल भी उचित नहीं है।

बता दें कि बीते दिनों लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों के नाम एक खत लिखा था, जिसमें उन्होंने हाल ही में संसद की सुरक्षा में हुई चूक की घटना का जिक्र कर कहा था कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाबत अब तक दो समितियों का गठन किया जा चुका है। अब तक जितने भी आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, उन सभी से पूछताछ का सिलसिला जारी है। उधर, ओम बिरला ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट कर दिया था कि संसद की सुरक्षा पर जारी चर्चा और विपक्षी सांसदों के निलंबन का परस्पर कोई संबंध नहीं है। फिलहाल, मामले की जांच जारी है। आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का विधिक मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है। लिहाजा आप संसद की गरिमा को बनाए रखें, लेकिन संसद की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए ऐसा लगता है कि लोकसभा स्पीकर की बातों का कोई असर नहीं पड़ रहा है।

आपको बता दें कि बीते 13 दिसंबर को संसद के दर्शक दीर्घा में कूदकर कुछ युवकों ने यकायक सुरक्षा में सेंध लगाने का प्रयास किया, जिसके बाद सांसदों ने उन्हें मौके पर पकड़कर पहले, तो उनकी खूब पिटाई की और इसके बाद उन्हें सुरक्षाबलों के हवाले कर दिया गया। उधर, अब तक इस पूरे मामले में 8 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं, मुख्य आरोपी ललित झा को भी गिरफ्तार कर सात दिनों पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि इन आरोपियों ने आठ महीने पहले संसद की सुरक्षा में सेंध करने की पूरी साजिश रच ली थी, जिसे अब संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान अंजाम दिया गया।