नई दिल्ली: पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी अब मैदान में एक्टिव हो गई है। तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद अब बीजेपी के नेता भी पंजाब में एक्टिव है। पंजाब चुनाव से पहले तोड़-फोड़ का खेल भी चल रहा है। गुरुवार को अकाली दल के बड़े नेता मनजिंदर सिंह सिरसा बीजेपी में शामिल हो गए। इसे अकाली दल के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है लेकिन सिर्फ बात यहीं नहीं रुकी बल्कि शुक्रवार को भी अकाली दल में टूट देखने को मिली।
दरअसल अचानक सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिरसा ने इस्तीफ़ा दिया और शाम तक वे बीजेपी में शामिल हो गये। शुरोमणि अकाली दल के लिए ये एक बड़ा झटका था और ये इस बात का भी संकेत था कि पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी अब एक्टिव हो गई है और वे नेता भी एक्टिव हो गये हैं जिन्हें अपना पाला बदलना है। आपको बता दें कि शुक्रवार को पंजाब के पूर्व विधायक और अकाली दल के नेता सरबजीत सिंह मक्कड़ ने भी बीजेपी में शामिल हुए है। पूर्व डीजीपी एसएस विरक ने भी बीजेपी ज्वाइन की है। सरबजीत सिंह मक्कड़ ने बीजेपी ज्वाइन करने के बाद कहा कि वो बस इंतजार ही कर रहे थे कि खेती कानून रद्द हो और बीजेपी में शामिल हो पाएं।
आपको बता दें कि मनजिंदर सिंह सिरसा के बीजेपी में ज्वाइन होने पर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने बीजेपी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हमारे मेंबरों को टारगेट किया। सुखबीर बादल ने आगे कहा कि हम न तो कांग्रेस से डरे थे, न किसी और से डरेंगे। वहीं कांग्रेस की तरफ से अलका लांबा ने कहा है कि ये राजनीति है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ। इससे पहले भी हुआ और आगे भी होगा। ये फैसला तो जनता को करना है कि ये नेता आज यहां क्यों हैं और पहले किसी और पार्टी में क्यों थे लेकिन यहां अलका लांबा की हैरान करने वाली बात तो ये है कि वो खुद आप छोड़कर कांग्रेस में चली गईं थीं।
खैर पंजाब कांग्रेस का कलेश अभी खत्म नहीं हुआ है। हर महीने पंजाब के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली दरबार में हाजिरी लगानी पड़ रही है वहीं अकाली दल के नेता इधर-उधर जा रहे हैं। आप चुनावी मोड में हैं और बीजेपी कृषि कानून खत्म होने के बाद फुल तैयारी में हैं। ऐसे में पंजाब विधानसभा का चुनाव दिलचस्प होता दिखाई दे रहा है।