नंदूरबार। महाराष्ट्र के संभाजीनगर में बीते दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद अब राज्य के नंदूरबार में भी मंगलवार रात जमकर संघर्ष हुआ। दो गुटों में हुए इस संघर्ष के दौरान गाड़ियों को तोड़ाफोड़ा गया। जमकर पथराव और बोतलें चलीं। चारों तरफ ईंट-पत्थर और टूटी बोतलों को देखकर साफ लग रहा है कि दोनों पक्षों ने किस तरह एक-दूसरे को निशाना बनाया। इस संघर्ष को रोकने में पुलिस के दो सिपाही भी घायल हुए हैं। पुलिस ने पथराव की शुरुआत करने के आरोप में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ पुलिस अफसरों के मुताबिक दो गुटों में आपसी विवाद के कारण ये संघर्ष हुआ।
इससे पहले महाराष्ट्र के संभाजीनगर, जलगांव, मुंबई के मलाड और किराडपुरा में रामनवमी के मौके पर हिंसा की घटनाएं हुई थीं। संभाजीनगर में रामनवमी से एक दिन पहले हिंसा की घटनाएं की गई थीं। संभाजीनगर में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की थी और तमाम लोगों की धरपकड़ की गई। महाराष्ट्र के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ कहा था कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा और उपद्रवी तत्वों पर सरकार कोई नरमी नहीं बरतेगी। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने भी ठोस कार्रवाई की बात कही थी।
संभाजीनगर में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में उद्धव ठाकरे गुट ने सरकार चला रही शिवसेना और बीजेपी पर आरोप लगाए थे। उद्धव के करीबी सांसद संजय राउत ने इस मामले में गठबंधन सरकार को घेरा था। वहीं, एआईएमआईएम ने भी सरकार पर हिंसा के मामले में आरोप लगाए थे। बता दें कि संभाजीनगर का पहले औरंगाबाद नाम था। एकनाथ शिंदे सरकार ने बीते दिनों जिले का नाम बदलकर संभाजीनगर कर दिया था। औरंगाबाद (अब संभाजीनगर) में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र भी है। इसे भी वहां से हटाने की मांग ने पिछले दिनों जोर पकड़ा था।