नई दिल्ली। कई दिनों से चर्चा का विषय रहे संजय राउत को लेकर इस वक्त एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने पात्रा चॉल जमीन मनी लॉन्ड्रिंग केस में संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत तो तलब किया है। बता दें कि ईडी ने ये समन वर्षा राउत के खाते से लेन-देन सामने आने का बाद जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब प्रवर्तन निदेशालय पति पत्नि दोनों को सामने बिठाकर पूछताछ कर सकती है। इससे पहले ईडी ने अपने रिमांड की कॉपी में बताया कि प्रवीण राउत के साथ-साथ कुछ अनजान लोगों के अकाउंट से भी करोड़ो का ट्रांजेक्शन किया है। अगर बात करें तो शिवसेना सांसद संजय राउत की तो उन्हें मुंबई की विशेष अदालत ने उन्हें ईडी की तरफ से दी गई हिरासत को आठ अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है। इस बारे में अदालत ने कहा कि ईडी ने जांच में काफी प्रगति की है।
शिवसेना नेता की हिरासत खत्म होने के बाद ईडी ने उनको धनशोधन रोकथाम कानून पीएमएलए अदालत के न्यायाधीश एम. जी. देशपांडे के समक्ष पेश किया और उनसे आगे की जांच में हिरासत के लिए भी अनुरोध भी किया। इसके बाद ही अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उनकी हिरासत को आठ अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया।
क्या है पात्रा चॉल घोटाला?
दरअसल, टिन के एक चॉल में साल 2007 के दौरान 500 से ज्यादा परिवार रहते थे। इसके बाद महाराष्ट्र की हाउसिंग एंड एरिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी गुरु आशिष कंस्ट्रक्शन कंपनी को यहां फ्लैट्स बनाने का करार मिला था। उस वक्त हुए समझौते के अनुसार, इस जमीन पर 3,000 फ्लैट बनने थे। ये भी करार था कि जो यहां पर 672 प्लैट है वो यहां के चॉल में रहने वाले लोगों को दिए जाएंगे। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण करार में से एक ये था कि यहां फ्लैट बनाने वाली कंपनी को ये जमीन बेचने का अधिकार नहीं होगा। लेकिन अब आरोप लग रहा है कि कंपनी ने समझौते का उल्लंघन करते हुए इस जमीन को 9 अलग अलग ठेकेदारों को 1,034 करोड़ में बेच दिया है। इसके बाद भी यहां पर एक भी फ्लैट नहीं बना।