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Jolt To Uddhav Thakerey: उद्धव को दो दिन में दूसरा झटका, शिशिर के बाद अब एमएलसी मनीषा साथ छोड़ एकनाथ शिंदे गुट में गईं

मनीषा कायंदे साल 2018 से एमएलसी हैं। उनका कार्यकाल 27 जुलाई 2024 तक है। वो विधानसभा कोटे से एमएलसी चुनी गई थीं। इससे पहले वो बीजेपी में रहीं। बीजेपी ने मनीषा कायंदे को 2009 के विधानसभा चुनाव में सायन-कोलीवाड़ा सीट से टिकट दिया था, लेकिन वो उस बार हार गई थीं। बाद में वो शिवसेना में चली गई थीं।

मुंबई। उद्धव ठाकरे को दो दिन में दो झटके लगे हैं। पहले शनिवार को शिवसेना-यूबीटी के उपनेता शिशिर शिंदे ने उपेक्षा और उद्धव के न मिलने का मुद्दा उठाकर उनका साथ छोड़ा। इसके बाद रविवार को उद्धव गुट की प्रवक्ता और एमएलसी मनीषा कायंदे ने साथ छोड़ दिया। मनीषा पर पहले पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप लगाया गया। उनको शिवसेना-यूबीटी के प्रवक्ता पद से हटा दिया गया। मनीषा कायंदे ने इसके बाद उद्धव की पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद एमएलसी मनीषा कायंदे महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से मिलीं। जिन्होंने उनको खुद शिवसेना ज्वॉइन करा दी।

manisha kayande and eknath shinde
मनीषा कायंदे को खुद सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना ज्वॉइन कराई।

मनीषा कायंदे साल 2018 से एमएलसी हैं। उनका कार्यकाल 27 जुलाई 2024 तक है। वो विधानसभा कोटे से एमएलसी चुनी गई थीं। इससे पहले वो बीजेपी में रहीं। बीजेपी ने मनीषा कायंदे को 2009 के विधानसभा चुनाव में सायन-कोलीवाड़ा सीट से टिकट दिया था, लेकिन वो उस बार हार गई थीं। इससे पहले शनिवार को जिन शिशिर शिंदे ने उद्धव का साथ छोड़ा था, उन्होंने गंभीर आरोप लगाए थे। शिशिर शिंदे वो शख्स हैं, जिन्होंने अपने साथी शिवसैनिकों के साथ पाकिस्तान का विरोध करते हुए टेस्ट मैच रोकने की खातिर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम की पिच 1991 में खोद दी थी।

shishir shinde

वानखेड़े स्टेडियम की पिच खोदने की घटना के बाद शिशिर शिंदे तब शिवसेना के सुप्रीमो रहे बालासाहेब ठाकरे की नजरों में चढ़े थे। वो उनके करीबी हो गए थे। उद्धव के भी वो करीबी रहे। एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद उद्धव ने शिशिर शिंदे को अपने गुट का उपनेता भी बनाया, लेकिन शिशिर का आरोप है कि उनको सिर्फ आलंकारिक पद दिया गया और कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई। शिशिर शिंदे ने ये आरोप भी लगाया था कि तमाम कोशिश के बाद भी वो उद्धव ठाकरे से मिलने में नाकाम रहे। शिंदे का ये भी कहना था कि उनको उपनेता का आलंकारिक पद दिया तो, लेकिन उनके 4 महत्वपूर्ण साल खराब कर दिए गए।