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Resident Doctors Of Delhi AIIMS And RML Hospital Call Off Strike : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली एम्स और आरएमएल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने खत्म की हड़ताल

Resident Doctors Of Delhi AIIMS And RML Hospital Call Off Strike : कल 23 अगस्त को सुबह 8 बजे से ओपीडी सेवाएं फिर से शुरू हो जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता केस की सुनवाई के दौरान आज डाक्टरों से कहा कि न्याय व्यवस्था और चिकित्सा व्यवस्था को रोका नहीं जा सकता। क्या हम भी काम छोड़ कर सुप्रीम कोर्ट के बाहर बैठ सकते हैं?

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की अपील और निर्देश के बाद दिल्ली एम्स और राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के रेजिडेंट डाक्टरों ने हड़ताल वापल ले ही है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डाक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में डाक्टर 11 दिनों से हड़ताल पर थे। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता केस की सुनवाई के दौरान आज डाक्टरों से कहा कि न्याय और चिकित्सा को रोका नहीं जा सकता। क्या हम भी काम छोड़ कर सुप्रीम कोर्ट के बाहर बैठ सकते हैं?

एम्स दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. इंद्र शेखर प्रसाद ने कहा कि हम जनसेवा करते हैं और हम अपनी सेवा जारी रखना चाहते हैं। हम कभी भी हड़ताल पर नहीं जाना चाहते, लेकिन आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना इतनी भयानक थी और इसने हमारी स्वास्थ्य प्रणाली में सुरक्षा संबंधी खामियों को उजागर कर दिया, इसलिए हमें हड़ताल पर जाना पड़ा। यह हमारे लिए आसान नहीं था, बल्कि हड़ताल हमारे लिए ड्यूटी से ज्यादा कठिन है। सुप्रीम कोर्ट ने डाक्टरों की सुरक्षा संबंधी निर्देश दिया और एक टास्क फोर्स का गठन किया है, हम इसकी सराहना करते हैं और उम्मीद करते हैं कि आरजी कर घटना में न्याय होगा। हम जल्द से जल्द अपनी ड्यूटी पर लौट आएंगे।

वहीं, आरएमएल के रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया है कि हमारी मांगों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हमारी चिंताओं को दूर करने के मद्देनजर, हम हड़ताल को रोकने की घोषणा करते हैं। कल 23 अगस्त को सुबह 8 बजे से ओपीडी सेवाएं फिर से शुरू हो जाएंगी।

उधर, डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर गठित समिति पर एम्स दिल्ली की प्रवक्ता डॉ. रीमा दादा ने कहा, रेजिडेंट डॉक्टरों और छात्र संघों के साथ रोजाना बैठकें हो रही हैं। डीन एकेडमिक्स की अध्यक्षता में उनकी सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए 4 सदस्यीय समिति बनाई गई है। वहीं एक 15 सदस्यीय समिति भी बनाई गई है जो आंतरिक सहयोगात्मक सुरक्षा ऑडिट करेगी। एम्स के डायरेक्टर ने सभी डॉक्टरों को आश्वासन दिया है कि उनकी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।