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राष्ट्रीय अधिवेशन में दायित्व ग्रहण करने के बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष और महामंत्री ने बताया, क्या है अभाविप की प्राथमिकता और लक्ष्य

अभाविप के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल मूलत: झारखंड के गढ़वा जिले से हैं। याज्ञवल्क्य शुक्ल की शिक्षा रांची से भूगोल विषय में पीएचडी तक हुई है। वे श्री जगजीत सिंह नामधारी महाविद्यालय, गढ़वा के निर्वाचित छात्रसंघ अध्यक्ष तथा रांची विश्वविद्यालय के निर्वाचित छात्रसंघ उपाध्यक्ष रहे हैं।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजशरण शाही तथा नवनिर्वाचित राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले दिन अपना दायित्व ग्रहण किया। अभाविप अध्यक्ष व महामंत्री चुनाव के निर्वाचन अधिकारी डॉ एस सुब्बैया ने इससे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय महामंत्री के निर्वाचन संबंधी जानकारियां प्रतिनिधियों से साझा की। अभाविप के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही मूलतः उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से हैं। उनकी शिक्षा शिक्षाशास्त्र में पीएचडी तक हुई है। वर्तमान में डॉ राजशरण शाही बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में शिक्षाशास्त्र विभाग में सह-आचार्य के पद पर कार्यरत हैं। वे प्रतिष्ठित भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में एसोसिएट रहे हैं। 2017 में श्रेष्ठतम शिक्षक सम्मान योगीराज बाबा गंभीरनाथ स्वर्ण पदक से डॉ राजशरण शाही को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

अभाविप के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल मूलत: झारखंड के गढ़वा जिले से हैं। याज्ञवल्क्य शुक्ल की शिक्षा रांची से भूगोल विषय में पीएचडी तक हुई है। वे श्री जगजीत सिंह नामधारी महाविद्यालय, गढ़वा के निर्वाचित छात्रसंघ अध्यक्ष तथा रांची विश्वविद्यालय के निर्वाचित छात्रसंघ उपाध्यक्ष रहे हैं। पूर्व में याज्ञवल्क्य शुक्ल ने रांची महानगर संगठन मंत्री,झारखंड प्रांत संगठन मंत्री तथा केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया है।

ABVP

अभाविप के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजशरण शाही ने कहा कि,” अभाविप की ध्येय यात्रा निरंतरता के साथ आगे बढ़ रही है। यहां न दायित्व का दबाव है,न दायित्व का प्रभाव है;यह एक ध्येय यात्री का सहज स्वभाव है। अभाविप की यात्रा त्याग और विचार स्वातंत्र्य के साथ गतिशील है। हम समरसता तथा एकता के भाव को लेकर अभाविप के छात्र आंदोलन में आगे बढ़ेंगे।”

अभाविप के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि,”अभाविप सतत प्रवाहमान संगठन है। अभाविप में मुझ जैसा सामान्य कार्यकर्ता भी राष्ट्रीय महामंत्री बन सकता है। संघर्ष,सेवा एवं संकल्प की परंपरा को मैं आगे ले जाने का प्रयास करूंगा। अभाविप के जिन कार्यकर्ताओं ने संगठन को आज की स्थिति तक पहुंचाने का कार्य किया, उनको मैं नमन करता हूं।”