नई दिल्ली। चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर सफल लैंडिंग करवाने के बाद से ही हमारे वैज्ञानिकों में खुशी की लहर है। इसरो इस सफलता के बाद से ही देश-विदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। चांद पर तिरंगा फहराने के बाद अब भारत के अगले कदम क्या होंगे सबकी निगाहें इसी पर टिकी हैं। हाल ही में इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने मीडिया से बातचीत कर ये बात कही थी कि भारत दूसरे ग्रहों पर यान भेजने का सामर्थ्य रखता है। अब इस बीच आज रविवार को इसरो प्रमुख सोमनाथ ने तिरुवनंतपुरम के पूर्णमिकवु भद्रकाली मंदिर पहुंचे हैं। यहां उन्होंने मंदिर में पूजा की है।
23 अगस्त को भारत ने रचा इतिहास
23 अगस्त की तारीख भारत के लिए खास रही। इस दिन भारत के चंद्रयान-3 ने चांद पर सफल लैंडिंग की। चांद पर ये लैंडिंग दक्षिणी ध्रुव पर हुई। चंद्रयान-3 ने सॉफ्ट लैंडिंग की थी। इस सफलता के बाद भारत ऐसा देश बन गया था जो कि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है। भारत को चंद्रयान-3 के लिए दुनिया के बाकी देशों से बधाईयां भी मिली। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की तरफ से भी चंद्रयान-3 की चांद पर लैंडिंग के लिए शुभकामनाएं दी गई है।
#WATCH केरल: ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने तिरुवनंतपुरम के पूर्णमिकवु, भद्रकाली मंदिर में पूजा की। pic.twitter.com/AtASUDdI4B
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 27, 2023
अधिक निवेश की जरूरत
मीडिया से बात करते हुए इसरो प्रमुख एस सोमनाथ का एक वीडियो सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि भारत दूसरे ग्रहों पर यान भेजने का सामर्थ्य रखता है। हमारे पास चंद्रमा-मंगल और शुक्र की भी यात्रा करने की क्षमता है लेकिन इसके लिए हमें और अधिक निवेश की जरूरत है। अंतरिक्ष क्षेत्र का विकास हो और इससे पूरे भारत का विकास हो…ये हमारा लक्ष्य है। हम पीएम मोदी के दिए विजन को पूरा करने में जुटे हैं।
हम इस मिशन की कामयाबी पर बहुत खुश हैं… वैज्ञानिक मिशन के अधिकांश उद्देश्य पूरे होने जा रहे हैं… सभी वैज्ञानिक डेटा बहुत अच्छे दिख रहे हैं। हम आने वाले 14 दिनों में चंद्रमा से डेटा मापना जारी रखेंगे। हमें उम्मीद है कि ऐसा करते हुए हम विज्ञान में सफलता हासिल करेंगे। हम अगले… pic.twitter.com/Pl92JD9iTa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 26, 2023
इसके आगे एस सोमनाथ ने ये भी कहा था कि चांद पर ‘चंद्रयान-3’ की सफल लैंडिंग के बाद के अब आगे के कुछ दिन हमारे लिए खास हैं। हम अगले 13-14 दिनों में चांद से डेटा कलेक्ट कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि विज्ञान इन आने वाले दिनों में ‘चंद्रयान-3’ से कुछ सफलता हासिल करें।