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Sasaram: हिंसा के बाद खौफ में सासाराम में हिंदू समुदाय, कर रहे हैं पलायन, कह रहे हैं नहीं रहना हमें यहां क्योंकि…!

Sasaram: आखिर कौन हैं, वो लोग जिन्होंने साराराम की गलियों को हिंसा की आग में झुलासाय। कौन हैं, वे लोग जिन्होंने सासाराम में हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी की वारदात को अंजाम दिया? आखिर कौन है , वो लोग, जिन्होंने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया?

नई दिल्ली। आखिर इस डर को किसने जन्म दिया? जिसकी वजह से आज लोग बिहार के सासाराम में अपने घर से बेघर होने पर मजबूर हो रहे हैं। लोग अपनों को छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। लोग अब उन गलियों को अलविदा कह रहे हैं, जहां कभी उनका बचपन बीता था। इतना आसान नहीं होता है। उस घर और उस गली को छोड़ना, जहां कभी हमारा बचपन बीता होता है। वह बड़ा ही मार्मिक लम्हा होता है और वर्तमान में सासाराम के लोग इसी मार्मिक लम्हें से गुजर रहे हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर उस डर को किसने जन्म दिया, जिसकी वजह से आज सासाराम के लोग अपने लिए पलायन का रास्ता अख्तियार कर चुके हैं।

आखिर कौन हैं, वो लोग जिन्होंने साराराम की गलियों को हिंसा की आग में झोंका। कौन हैं, वे लोग जिन्होंने सासाराम में हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी की वारदात को अंजाम दिया? आखिर कौन हैं, वो लोग, जिन्होंने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया? कहां से आए ये लोग? मीडिया में आई खबरों की मानें तो रामनवमी के बाद दो समुदाय के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था और बाद में यह विवाद इतना हिंसक हो गया दोनों गुटों के लोग एक-दूसरे को मरने-मारने पर उतारू हो गए। इस हिंसा की जद में आकर दो पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए, जिससे जाहिर है कि इन लोगों ने कानून-व्यवस्था को भी ठेंगा दिखाने से गुरेज नहीं किया।

उधर, सासाराम के बाद जिस तरह से नालंदा में हिंसा की खबरें आईं, उससे यह स्पष्ट होता है कि यह सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से किया गया था, जिसकी जांच होनी चाहिए। बहरहाल, अब आगामी दिनों में उक्त प्रकरण को लेकर क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आपको बता दें कि अभी सासाराम के लोग खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं। अब ये लोग एक पल भी यहां नहीं रहना चाह रहे हैं। यहां के लोगों को दंगाइयों के हमले का डर सता रहा है, जिसे देखते हुए अब ये लोग पलायन कर रहे हैं। कोई दूसरे शहर जा रहा है, तो कोई दूसरा राज्य है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर जिन लोगों ने सासाराम को हिंसा की आग में झुलसाने का काम किया है, उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी। वहीं, हर बार की तरह इस बार भी इस पूरे मसले को लेकर सूबे की राजनीति का पारा गरमा गया है। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो चुका है। अब ऐसे में इस पूरे मामले को लेकर क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।