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ESA For Western Ghats After Wayanad Disaster: वायनाड की आपदा में सैकड़ों लोगों के जान गंवाने के बाद हरकत में केंद्र, पश्चिमी घाट को पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने के लिए उठाया कदम

ESA For Western Ghats After Wayanad Disaster: केंद्र सरकार ने वायनाड के 13 गांवों समेत पश्चिमी घाट क्षेत्र में आने वाले 6 राज्यों के 56800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को पारिस्थितिकी तौर पर संवेदनशील क्षेत्र (ईएसए) घोषित करने के लिए मसौदा अधिसूचना जारी की है। इस मसौदा अधिसूचना पर 60 दिन में सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं।

नई दिल्ली। केरल के वायनाड में भूस्खलन से आई आपदा में सैकड़ों लोगों के जान गंवाने के बाद अब केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने वायनाड के 13 गांवों समेत पश्चिमी घाट क्षेत्र में आने वाले 6 राज्यों के 56800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को पारिस्थितिकी तौर पर संवेदनशील क्षेत्र (ईएसए) घोषित करने के लिए मसौदा अधिसूचना जारी की है। इस मसौदा अधिसूचना पर 60 दिन में सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं।

केंद्र सरकार की ओर से घोषित मसौदा अधिसूचना में केरल के 2 तालुका के 13 गांव समेत राज्य के 9993 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को ईएसए घोषित करने का प्रस्ताव है। इन गांवों में वेल्लारीमाला, पेरिया, तिरुनेली, पोझुथाना, थारियोड, थोंडरनाड, त्रिसिलेरी, अचूरनम, चुंडेल, कोट्टापड़ी, कुन्नाथिदावाका, किदंगनाड और नलपूझा हैं। वहीं, मसौदा अधिसूचना में कर्नाटक में 20668 वर्ग किलोमीटर, तमिलनाडु में 6914 वर्ग किलोमीटर, महाराष्ट्र मे 17340 वर्ग किलोमीटर, गोवा में 1461 वर्ग किलोमीटर और गुजरात में 449 वर्ग किलोमीटर को पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्र बनाने की बात कही गई है।

मसौदा अधिसूचना में कहा गया है कि ईएसए वाले इलाकों में खनन वगैरा पर पूरी तरह रोक लगाई जाए। इसके साथ ही मौजूदा खदानों को भी अंतिम अधिसूचना जारी होने की तारीख से या अभी के खनन पट्टे के खत्म होने पर 5 साल में पूरी तरह बंद कर दिया जाए। वायनाड में बीते दिनों भारी बारिश के कारण जबरदस्त भूस्खलन हुआ था। इसमें 4 गांव पूरी तरह मलबे में दब गए। सैकड़ों लोगों की मौत के अलावा 300 के करीब लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। आपदा कितनी भीषण थी, ये इसी से पता चलता है कि नदी के रास्ते लाशें बहकर 50 किलोमीटर दूर पहुंच गईं। प्रभावित इलाके में अब भी राहत और बचाव का काम जारी है।