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राजस्थान: तीसरी बार क्लीन स्वीप का लक्ष्य, भाजपा की हैट्रिक लगाने की तैयारी

हर बार की तरह पीएम मोदी के चेहरे पर ही भाजपा भरपूर आत्मविश्वास से राजस्थान में चुनाव लड़ रही है। इस बार 400 पार के लक्ष्य को लेकर पिछली दोनों लोकसभा चुनावों की तरह भाजपा राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर हैट्रिक लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

चुनावी बिगुल बज चुका है। भाजपा ने अभी तक 195 सीटों पर लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। खबर है कि दूसरी सूची 6 मार्च को आएगी। माना जा रहा है कि दूसरी सूची में भाजपा लगभग अपने सभी उम्मीदवारों के नाम घोषित कर देगी।
बहरहाल, राजस्थान में पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा 25 की 25 सीटें जीतती आ रही है। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इस बार भी राजस्थान में सभी लोकसभा सीट भाजपा अपने नाम करने के लिए पूरी तरह तैयार है। बता दें कि पिछली बार राजस्थान के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा को मात दी थी। इसके बावजूद जब 2019 में लोकसभा चुनाव हुए तो राजस्थान में भाजपा ने क्लीन स्वीप किया था। राज्य में सरकार होने के बाद भी कांग्रेस राजस्थान में एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत सकी थी। भाजपा ने सभी 25 सीटें जीती थीं। वहीं इस बार राजस्थान में भी भाजपा की सरकार है। जाहिर है इससे भाजपा के कार्यकर्ताओं के आत्मविश्वास में और भी बढ़ोतरी हुई है। अपने इसी आत्मविश्वास के साथ भाजपा राजस्थान में तीसरी बार क्लीन स्वीप कर सभी लोकसभा सीट जीतकर एक नया रिकॉर्ड बनाने के लिए पूरे—जोरो शोरों से तैयारी में जुटी है।हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राजस्थान में कांग्रेस पर भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था को खराब करने का मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा था और राज्य में अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही थी। लोकसभा चुनाव में भी लगभग यही सारे मुद्दे रहने वाले हैं। क्योंकि राज्य की सत्ता में आए भाजपा को अभी कुछ दिन ही हुए हैं। ऐसे में निशाने पर कांग्रेस ही रहने वाली है। कांग्रेस के पास लोकसभा चुनावों में भाजपा को घेरने के लिए कोई बड़ा मुद्दा होगा ऐसा नजर नहीं आता। कुल—मिलाकर स्पष्ट है पूरा चुनाव ” पीएम मोदी की गारंटी ” पर ही लड़ा जाएगा। अपनी पहली सूची में भाजपा ने राजस्थान में 15 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है। इनमें केंद्र सरकार में मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, कैलाश चौधरी और भूपेंद्र यादव भी शामिल हैं। भाजपा ने पहले प्रत्याशियों की घोषणा की है ताकि विपक्ष पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया जा सके। भाजपा इसमें कामयाब भी रही है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में 17 हजार करोड़ रुपए लागत की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया था। इस अवसर पर उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के पास भविष्य का कोई रोडमैप नहीं है। तीसरी बार राजस्थान में क्लीन स्वीप का लक्ष्य लेकर भाजपा कांग्रेस की पांच साल की खामियों—नाकामियों को लेकर लोगों के बीच प्रचार में जुट गई है।

राजस्थान में भाजपा ने जिन 15 लोगों को टिकट दिया है, उनमें कुछ नए चेहरे भी हैं तो वहीं कई पुराने चेहरों के टिकट भी काटे हैं। चुरू से राहुल कस्वां का टिकट भाजपा ने काटा है। कस्वां राजनीतिक परिवार ताल्लुक रखते हैं और पिछले तीन दशक से चुरू परिवार का ही इस सीट पर दावा रहा है। इस बार भाजपा ने चुरू सीट पर पैरा ओलंपिक पदक विजेता देवेंद्र झाझरिया को मौका दिया है। जालोर—सिरोही सीट से लुंबाराम चौधरी को टिकट दिया है जो क्षेत्र के जमीनी नेता माने जाते हैं। वहीं बांसवाड़ा से भाजपा ने कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए महेंद्र सिंह मालवीय को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं नागौर में भाजपा ने ज्योति मिर्धा को लोकसभा चुनाव में मौका दिया है जबकि वह भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव तक हार गई थीं। ज्योति मिर्धा भी कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हुई हैं। लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी की न्याय यात्रा भी राजस्थान पहुंची लेकिन इसका कांग्रेस को कोई दूरगामी फायदा होगा ऐसा नजर नहीं आता। ऐसा इसलिए भी लग रहा है क्योंकि विधानसभा चुनावों से पहले राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान के कई जिलों से होकर गुजरी थी, लेकिन राहुल गांधी की यात्रा देखने आई लोगों की भीड़ की वोट कांग्रेस को नहीं बल्कि भाजपा को मिली। नतीजतन भाजपा राजस्थान में सरकार बनाने में कामयाब रही। श्रीराम मंदिर निर्माण होने का भी बहुत बड़ा फायदा राजस्थान में भाजपा को मिलने वाला है। रामलला के दर्शनों के लिए राज्य के सभी क्षेत्रों से स्पेशल ट्रेन अयोध्या के लिए चलाई जा रही हैं। बता दें कि राजस्थान में 1992 में भाजपा की सरकार थी। 1992 में जब विवादित ढांचा ढाह दिया गया था तो केंद्र में शासित कांग्रेस ने राजस्थान में भाजपा की सरकार को बर्खास्त कर दिया था। राजस्थान के लोग भावनात्मक रूप से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से जुड़े रहे हैं। बड़ी संख्या में यहां के लोग कार सेवा के लिए अयोध्या गए थे। 22 जनवरी को जब अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा हुई तो पूरे राज्य में लोगों ने उत्सव मनाया था।

गौरतलब है कि राजस्थान में पानी का मुद्दा भी छाया रहता है। कई सीटों पर इसका प्रभाव भी पड़ता है। ऐसे में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पानी के मुद्दे पर पहल कर राजस्थान का मध्य प्रदेश और हरियाणा से समझौता कराया है, जिसका फायदा निश्चित ही भाजपा को मिलने वाला है। पूर्वी राजस्थान—कैनल प्रोजेक्ट ( ईआरसीपी ) पर कांग्रेस भाजपा को अक्सर घेरती रहती थी, इस मुद्दे पर शेखावत लगातार कांग्रेस से मोर्चा ले रहे थे। लोकसभा चुनावों में यह मुद्दा न बन सके इसलिए जोधपुर से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे शेखावत ने यह मुद्दा कांग्रेस के हाथों से छीन लिया है। दरअसल उनकी पहल पर पार्वती—कालीसिंध चंबल इंटर लिंकेज रिवर प्रोजेक्ट के साथ ईआरसीपी को जोड़ दिया है। जिसमें होने वाले खर्च का 90 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करने वाली है। राजस्थान के शेखावटी क्षेत्र के तीन जिलों चुरू, झूंझनूं और सीकर तक यमुना का जल लाने के तीन दशक पुराने गतिरोध को भी उनकी पहल पर दूर किया जा चुका है। इसका प्रभाव शेखावटी क्षेत्र में देखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं राजस्थान में पिछले कुछ महीनों में कई रैलियां कर चुके हैं। उन्होंने कई विकास परियोजनाओं की सौगात राजस्थान को दी है। वहीं भ्रष्टाचार, खराब कानून व्यवस्था और विकास का कोई रोडमैप कांग्रेस के पास न होने का दावा कर भाजपा ने कांग्रेस को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है। हर बार की तरह पीएम मोदी के चेहरे पर ही भाजपा भरपूर आत्मविश्वास से राजस्थान में चुनाव लड़ रही है। इस बार 400 पार के लक्ष्य को लेकर पिछली दोनों लोकसभा चुनावों की तरह भाजपा राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर हैट्रिक लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

डिस्कलेमर: उपरोक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं ।