एयरफोर्स चीफ भदौरिया ने तेजस में भरी उड़ान, वायुसेना में शामिल दूसरी स्क्वाड्रन इस वजह से है खास
खास बात ये है कि ये एलसीए तेजस, ‘एफओसी’ वर्जन है और पहले के तेजस फाइटर जेट से ज्यादा एडवांस और लीथल यानि खतरनाक हैं। बता दें कि तेजस देश में विकसित लड़ाकू विमान है और इसके वायुसेना में शामिल होने से सेना की ताकत में इजाफा होगा।
नई दिल्ली। बुधवार को स्वदेशी विमान तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन भारतीय वायुसेना में शामिल हो गई। इस स्क्वाड्रन का नाम फ्लाइंग बुलेट्स दिया गया है, जिसकी शुरुआत वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने सुलूर एयरबेस से इसकी शुरुआत की। वायुसेना प्रमुख ने खुद तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी।
वायुसेना में शामिल दूसरी स्क्वाड्रन की खूबियां
आज इस कार्यक्रम का आयोजन तमिलनाडु के कोयम्बटूर के पास सुलूर एयरफोर्स स्टेशन पर किया गया। यह स्क्वाड्रन LCA तेजस विमान से लैस है। तेजस को उड़ाने वाली वायुसेना की यह दूसरी स्क्वाड्रन है। खास बात ये है कि ये एलसीए तेजस, ‘एफओसी’ वर्जन है और पहले के तेजस फाइटर जेट से ज्यादा एडवांस और लीथल यानि खतरनाक हैं। लड़ाकू विमान तेजस एक चौथी पीढ़ी का हल्का विमान है। इसकी तुलना अपने जेनरेशन के सभी फाइटर जेट्स में सबसे हल्के विमान के तौर पर होती है। बता दें कि तेजस देश में विकसित लड़ाकू विमान है और इसके वायुसेना में शामिल होने से सेना की ताकत में इजाफा होगा।
एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने अब तक राफेल लड़ाकू विमान सहित 28 से ज्यादा प्रकार के लड़ाकू और परिवहन विमानों को उड़ाया है। एयर मार्शल भदौरिया प्रायोगिक टेस्ट पायलट होने के साथ कैट ‘ए’ कैटेगरी के क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर भी हैं।
IAF Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria today flew the Light Combat Aircraft Tejas fighter with 45 Squadron at Air Force Station Sulur. He flew the single-seater LCA. pic.twitter.com/Edu0X3hMEW
— ANI (@ANI) May 27, 2020
नंबर 18 स्क्वाड्रन फ्लाइंग बुलेट्स LCA तेजस को उड़ाने वाला दूसरा IAF स्क्वाड्रन होगा। पहली बार इस स्क्वाड्रन का गठन 15 अप्रैल, 1965 को किया गया था और यह MIG-27 फाइटर जेट्स को संचालित करने के लिए इस्तेमाल हो चुकी है।