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Delhi Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर, केंद्र सरकार ने बदला दफ्तरों का समय, जानिए कब जाना होगा ऑफिस

Delhi Pollution: केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में स्थित केंद्र सरकार के कार्यालयों के लिए अलग-अलग समय अपनाने की सलाह दी गई है। यह कदम वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने और कर्मचारियों को राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

नई दिल्ली। दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, बृहस्पतिवार सुबह 9 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 376 दर्ज किया गया, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। प्रदूषण की इस गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए काम के समय में बदलाव करने का निर्णय लिया है।

कार्मिक मंत्रालय ने जारी किए आदेश

केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में स्थित केंद्र सरकार के कार्यालयों के लिए अलग-अलग समय अपनाने की सलाह दी गई है। यह कदम वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने और कर्मचारियों को राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है।


नए समय के अनुसार कामकाज का संचालन

आदेश के मुताबिक, सरकारी दफ्तर दो शिफ्ट में काम करेंगे। पहली शिफ्ट सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक। दूसरी शिफ्ट सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक। यह प्रावधान तब तक लागू रहेगा जब तक ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण के तहत प्रदूषण नियंत्रण के उपाय लागू हैं।

वाहन पूलिंग और सार्वजनिक परिवहन का सुझाव

आदेश में सरकारी कर्मचारियों से निजी वाहनों के उपयोग को सीमित करने और वाहन पूलिंग या सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। यह कदम वाहनों से उत्सर्जित प्रदूषण को कम करने के लिए उठाया गया है।

कर्मचारियों की ओर से मांगे गए उपाय

इससे पहले, केंद्रीय सचिवालय सेवा फोरम (CSS Forum) ने कार्मिक मंत्रालय को पत्र लिखकर कर्मचारियों के लिए घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) का विकल्प, दफ्तरों में एयर प्यूरीफायर लगाने और सभी कर्मचारियों को एन95 मास्क उपलब्ध कराने की मांग की थी। फोरम ने अपने पत्र में कहा था कि खराब वायु गुणवत्ता से कर्मचारियों की उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। कई कर्मचारियों को श्वसन संबंधी समस्याएं, आंखों में जलन, थकान और असुविधा जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।