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Maharashtra Political Crisis: अजित को मिला शरद पवार का साथ? डिप्टी CM बनने के बाद किया ये धमाकेदार खुलासा

Maharashtra Political Crisis: राउत ने आगे कहा कि अजित पवार के इस कदम ने साफ कर दिया है कि बीजेपी द्वारा महाराष्ट्र में राजनीति को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। उधर, महाराष्ट्र में रानजीतिक संग्राम के बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी दिनों में अब ऐसी ही स्थिति बिहार में देखने को मिल सकती है।

नई दिल्ली। अजित पवार अपने चाचा शरद पवार को गच्चा देकर शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। सीएम एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में अजित पवार ने अपने 9 समर्थकों के साथ डिप्टी सीएम पद की शपथ ली तो वहीं दूसरी तरफ यह भी दावा कर दिया कि एनसीपी के 55 में से 40 विधायकों का समर्थन उन्हें प्राप्त है, जिसके बाद से एनसीपी के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि, शरद पवार ने मीडिया से बातचीत के दौरान दावा कि वो इस तरह की विषय परिस्थितियों का सामना पहले भी अपने राजनीतिक जीवन में कर चुके हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि वह अपनी पार्टी को दोबारा स्थापित कर लेंगे। बहरहाल, अब आगामी दिनों में वो क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन जिस तरह का दावा अजीत पवार ने किया है, अगर वे दावे वास्तविकता में तब्दील हुए, तो यकीनन महाराष्ट्र में बड़ा राजनीतिक संग्राम होगा।

उधर, अजित पवार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि आगामी दिनों में वह एनसीपी पर दावा ठोकेंगे और चुनाव चिन्ह प्राप्त करने के लिए चुनाव आयोग का भी दरवाजा खटखटाएंगे। कुल मिलाकर वो खुद को असली एनसीपी वाले बताने की कोशिश कर रहे हैं। ध्यान दें कि बीते दिनों ऐसी ही स्थिति शिवसेना में भी देखने को मिली थी, जब एकनाथ शिंदे ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। शिंदे खुद को असली शिवसैनिक बता रहे थे। हालांकि, उद्धव ठाकरे और शिंदे में से कौन असली शिवसैनिक है, इसका फैसला तो अब आगामी दिनों में कोर्ट ही करेगी। उधर, एनसीपी में जारी सियासी घमासान पर राज्यसभा सांसद व शिवसेना नेता संजय राउत ने मीडिया के सामने बड़ा दावा किया। उन्होंने अपने दावे में कहा कि आगामी दिनों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अजीत पवार के साथ गए को सभी नेताओं को अयोग्य घोषित किया जाएगा।

राउत ने आगे कहा कि अजित पवार के इस कदम ने साफ कर दिया है कि बीजेपी द्वारा महाराष्ट्र में राजनीति को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उधर, महाराष्ट्र में राजनीतिक संग्राम के बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी दिनों में अब ऐसी ही स्थिति बिहार में भी देखने को मिल सकती है।  जदयू में नीतीश कुमार के खिलाफ नेताओं का आक्रोश अपने चरम पर पहुंच चुका है। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि परिवारवादी पार्टियों की वकालत करने वाले दलों का आगामी दिनों में यही हश्र होगा। इस बीच प्रेस कांफ्रेंस में अजित पवार से एक पत्रकार द्वारा सवाल किया गया कि क्या उनके द्वारा उठाए गए इस कदम को शरद पवार ने समर्थन किया है, तो इस पर उन्होंने दो टूक कह दिया कि उन्हें एनसीपी के वरिष्ठों का समर्थन प्राप्त है। अब एनसीपी में वरिष्ठ कौन है ? कोई दो मत नहीं यह कहने में कि एनसीपी में शरद पवार के अलावा कोई भी वरिष्ठ नहीं है। वहीं, अगर पद के हिसाब से देखे तो उनके बाद उनकी बेटी सुप्रिया सुले भी वरिष्ठ हैं।

ajit pawar and sharad pawar

हालांकि,  अजित पवार उम्र में  सुप्रिया से बड़े हैं। ध्यान दें कि जब सुबह अजित पवार ने आवास पर विधायकों की बैठक बुलाई थी, तो उसमें सुप्रिया सुले भी शामिल थीं , लेकिन बाद वो बैठक से पुणे के लिए रवाना हो गईं, जहां शरद पवार पूरे राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर बनाए थे। बहरहाल, अब अजित पवार के इस बयान के बाद यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्य़ा उनके द्वारा उठाए गए इस कदम का शरद पवार ने समर्थन किया था। फिलहाल, इस पर कोई भी टिप्पणी कर पाना जल्दबाजी होगी।