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Akhilesh Yadav: अखिलेश ने इंडिया गठबंधन में मायावती को लेने पर कसा था तंज, बीएसपी सुप्रीमो ने किया पलटवार

Akhilesh Yadav: मीडिया द्वारा अखिलेश यादव से सवाल किया गया कि अगर मायावती इंडिया गठबंधन में शामिल होती हैं, तो इससे क्या आप लोगों को सियासी मोर्चे पर फायदा पहुंचेगा? इस पर सपा प्रमुख ने तंज कसते हुए कहा कि उसके बाद का भरोसा क्या आप दिलाओगे? अब इस बात का भरोसा आप में से कौन दिलाएगा कि मायावती के इंडिया गठबंधन में शामिल होने से हमें सियासी मोर्चे पर फायदा पहुंचेगा?

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मुख्तलिफ सियासी दलों के बीच एक अजीब-सी सियासी कुलबुलाहट देखने को मिल रही है। इंडिया गठबंधन के नेता जहां बैठकों में मशगूल हैं, तो वहीं सत्तारूढ़ दल से जुड़े लोग भी एक्शन में आ चुके हैं। बीजेपी ने इस बार 400 से अधिक सीटों पर जीत का परचम लहराने का संकल्प लिया है। उधर, कांग्रेस को पूरा विश्वास है कि इस चुनाव में वो बीजेपी के विजयी रथ को रोकने में जरूर सफल रहेगी। अब यह विश्वास हकीकत में कब तक तब्दील हो पाता है? इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि इस पूरे मसले को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बड़ा बयान सामने आया है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा?

ये क्या बोले अखिलेश यादव?

दरअसल, मीडिया द्वारा अखिलेश यादव से सवाल किया गया कि अगर मायावती इंडिया गठबंधन में शामिल होती हैं, तो इससे क्या आप लोगों को सियासी मोर्चे पर फायदा पहुंचेगा? इस पर सपा प्रमुख ने तंज कसते हुए कहा कि उसके बाद का भरोसा क्या आप दिलाओगे? अब इस बात का भरोसा आप में से कौन दिलाएगा कि मायावती के इंडिया गठबंधन में शामिल होने से हमें सियासी मोर्चे पर फायदा पहुंचेगा? बता दें कि मायावती ने इंडिया गठबंधन से दूरी बनाए रखी है। अभी तक उन्होंने अपना सियासी रूख जाहिर नहीं किया है। ऐसे में पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि मायावती इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकती हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने अपना कोई भी सियासी स्टैंड साफ नहीं किया है।

akhilesh yadav

वहीं, अखिलेश के तंज पर मायावती का भी बयान सामने आया है , जिसमें उन्होंने ट्वीट कर कहा कि , ‘अपनी व अपनी सरकार की ख़ासकर दलित-विरोधी रही आदतों, नीतियों एवं कार्यशैली आदि से मजबूर सपा प्रमुख द्वारा बीएसपी पर अनर्गल तंज़ कसने सेे पहले उन्हें अपने गिरेबान में भी झांँककर जरूर देख लेना चाहिए कि उनका दामन भाजपा को बढ़ाने व उनसे मेलजोल के मामले में कितना दाग़दार है।

इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि, ‘साथ ही, तत्कालीन सपा प्रमुख द्वारा भाजपा को संसदीय चुनाव जीतने से पहले व उपरान्त आर्शीवाद दिए जाने को कौन भुला सकता है। और फिर भाजपा सरकार बनने पर उनके नेतृत्व से सपा नेतृत्व का मिलना-जुलना जनता कैसे भूला सकती है। ऐसे में सपा साम्प्रदायिक ताकतों से लडे़ तो यह उचित होगा।

अफजाल अंसारी पर अखिलेश का रूख 

वहीं, सपा प्रमुख से अगला सवाल किया गया कि अफजाल अंसारी की बेटी की शादी में जिस तरह से सपा नेताओं का कुनबा मौजूद था, उसे ध्यान में रखते हुए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी दिनों में सपा उन्हें गाजीपुर से चुनावी मैदान में उतार सकती है? अब इसमें कितनी सच्चाई है? तो इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि सच्चाई और हकीकत में कोई फर्क नहीं है। बता दें कि अखिलेश यादव ने इन सभी मुद्दों पर ऐसे वक्त में बयान दिया है, जब कुछ माह बाद लोकसभा चुनाव होने हैं।

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इंडिया गठबंधन का क्या है रूख 

इसके अलावा बात अगर इंडिया गठबंधन की करें, तो अभी तक गठबंधन में शामिल मुख्तलिफ सियासी दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका है और ना संयोजक के नाम को लेकर कोई राय बन पाई है। हालांकि, बीते दिनों हुई बैठक में सभी दलों ने मिलकर प्रधानमंत्री पद के लिए खरगे के नाम को प्रस्तावित किया था, जिस पर कथित तौर पर नीतीश कुमार ने नाराजगी भी जाहिर की थी। जिसके बाद यह चर्चा उठी कि उनकी नाराजगी दूर करने के बाबत उन्हें इंडिया गठबंधन में संयोजक पद की भी जिम्मेदारी दी जा सकती है।