
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अगले साल 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है। अखिलेश यादव ने कहा है कि इंडिया गठबंधन बरकरार है। अखिलेश ने कहा कि सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है, कोई क्या कह रहा है इससे हमें कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि इंडिया गठबंधन चुनाव लड़ेगा जिसको इंडिया गठबंधन से बाहर जाना है वो चला जाए।
#WATCH | Lucknow | SP Chief Akhilesh Yadav says, “INDIA alliance is intact… Those who want to leave the alliance are free to do so. It will fight (2027 UP Assembly) Elections…” pic.twitter.com/tTRLXsX0F5
— ANI (@ANI) June 17, 2025
सपा प्रमुख ने लखनऊ में पत्रकार वार्ता के दौरान बुनकरों के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा कि बुनकरों पर हम एक डॉक्यूमेंट तैयार करेंगे जो आने वाले समय में समाजवादी पार्टी के मैनिफेस्टो में शामिल होगा। राजनीतिक दलों को निशाने पर लेते हुए अखिलेश बोले, कई राजनीतिक दल जो कुछ दिन पहले स्वदेशी नारा देते थे आज उन्होंने हमारे बाज़ार को विदेशियों से कब्जा करा दिया। सरकार पर आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव ने कहा, प्रदेश में बिजली का बिल बहुत महंगा होने जा रहा है। अगर नियामक प्राधिकरण ने सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, तो कई लोग बिजली बिल का भुगतान नहीं कर पाएंगे। यहां तक कि मोबाइल फोन चार्ज करने में भी संकट आएगा।
Delhi: On the statement of Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav regarding the notification issued for the caste census, BJP National Spokesperson Syed Shahnawaz Hussain says, “On one hand, he demands a caste census, and when the government initiates it, he says he doesn’t trust… pic.twitter.com/vrZXIxHej9
— IANS (@ians_india) June 17, 2025
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार लगातार महंगाई और बेरोजगारी को बढ़ावा दे रही है और भ्रष्टाचार भी बढ़ रहा है। इससे पहले अखिलेश ने जातिगत जनगणना को लेकर कहा था कि हमें सावधान रहना होगा, ऐसा ना हो कि बीजेपी सरकार कहीं का आंकड़ा कहीं जोड़ दे। सपा प्रमुख के इस बयान पर अब बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि एक तरफ तो वह जाति जनगणना की मांग करते हैं और जब सरकार जनगणना शुरू करती है तो कहते हैं कि उन्हें भरोसा नहीं है। अगर उन्हें भारत सरकार पर भरोसा नहीं है तो फिर किस पर भरोसा करेंगे?