लखनऊ। यूपी के चार शहरों में आयोजित होने जा रहा जी-20 सम्मेलन प्रदेश के सभी नगर निकायों के सौंदर्यीकरण को बढ़ाने वाला अवसर साबित होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद नगर विकास विभाग तैयारियों को अमली जामा पहनाने में जुट गया है। विभाग ने राज्य के सभी निकायों को जी-20 सम्मेलन को लेकर तैयारियों में जुट जाने का निर्देश दिया है। नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि प्रदेश को जी-20 की मेजबानी का अवसर मिला है। ये राज्य की बेहतरीन छवि प्रस्तुत करने का एक सुनहरा अवसर है।
नगरों की सजावट के सभी कार्य स्थाई होंगे
लोक भवन में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने बताया की उत्तर प्रदेश में जी-20 सम्मेलन से जुड़ी 11 बैठकों का आयोजन होगा। प्रदेश के चार शहरों वाराणसी, लखनऊ, आगरा और ग्रेटर नोएडा में जी-20 सम्मलेन से जुड़े अलग अलग आयोजन होंगे। ये सभी आयोजन प्रदेश के आर्थिक विकास को बढ़ाते हुए जी-20 के अंतर्गत भारत की भूमिका को और अधिक महत्वपूर्ण बनाएंगे। उन्होंने बताया कि अतिथियों के सत्कार की हमारी परम्परा रही है। इस बार हम अपने नगरों को साफ-सुथरा, स्वच्छ और सौंदर्यीकरण करके दुनियाभर से आने वाले अतिथियों का स्वागत करने जा रहे हैं। सजावट और सौंदर्यीकरण के सभी कार्य स्थाई निर्माण होंगे।
शहरों के सौंदर्यीकरण के लिए चल रहा जी-सिटी अभियान
उन्होंने बताया कि जी-20 सम्मेलन की पहली बैठक 11-12 फरवरी को आगरा में आयोजित होगी। इसके बाद 13 फरवरी से लखनऊ में जी-20 सम्मेलन की बैठकों का आयोजन होगा। जिन चार नगरों में जी-20 की बैठकें हो रही हैं वहां तो व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया ही जा रहा है, इसके साथ साथ प्रदेश के सभी 75 जिलों को सौंदर्यीकरण के लिए निर्देश दिये गये हैं। इस आवभगत के लिए पूरे प्रदेश को तैयार किया जा रहा है। हमने यूपी जी-सिटी का अभियान शुरू किया है। प्रयास ये है कि हम अपने शहरों को कैसे वैश्विक नगरी के रूप में डेवलप कर सकें। प्रदेश के नगरों को वर्ल्ड क्लास बनाने का ये अभिनव प्रयास है।
विदेशी मेहमान होंगे डिजिटली सशक्त हुए यूपी से रूबरू
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि इस बार के भारत में आयोजित जी-20 सम्मेलन को लोकतंत्र की जननी के रूप में भी प्रोजेक्ट किया जा रहा है। प्रदेश सरकार भी इस सम्मेलन को बहुत बड़े अवसर के रूप में देख रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि जी-20 सम्मेलन के दौरान प्रदेश में डिजिटल एम्पावरमेंट को लेकर जितने भी कार्य हुए हैं उनको अतिथियों के सामने प्रदर्शित किया जाए। इनमें किसान पेंशन योजना से धनराशि का डिजिटल स्थानांतरण, माइम मित्रा, सांस्कृतिक पर्यटन (कुंभ, राम मंदिर), कोविड कंट्रोल सेंटर आदि को प्रदर्शित किया जाए।
21 जनवरी को वाकाथन और मैराथन का आयोजन
उन्होंने बताया कि जी-20 विश्व की बीस सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्थाओं का समूह है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट तथा एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के साथ उत्तर प्रदेश की देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। ये आयोजन उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विविधताओं, विरासत, पर्यटक स्थलों आदि को विश्व के सामने रखने का बेहतरीन अवसर है। साथ ही इस आयोजन से प्रदेश की आम जनता को जोड़ने के लिए 21 जनवरी को प्रत्येक जनपद में एक साथ वाकाथन और मैराथन का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ से जी-20 सम्मेलन का झंडा दिखाकर वाकाथन का शुभारंभ किया जाएगा। आयोजन के दौरान आने वाले डेलिगेट्स को एक जिला एक उत्पाद के विभिन्न उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे इन उत्पादों को अन्तरराष्ट्रीय मंच प्राप्त होगा।
पार्क और सड़क का जी-20 पर होगा नामकरण
अधिकारी के अनुसार आयोजन वाले शहरों को हवाई अड्डा से मुख्य शहर तक तथा अन्य स्थानों का सुंदरीकरण, साइनेज, प्रकाश की अत्याधुनिक व्यवस्था, पेंटिंग द्वारा अपनी विरासत को प्रदर्शित किया जा रहा है। इन शहरों में एक-एक पार्क व एक-एक सड़क को भी जी-20 के नाम पर रखने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अलावा आगरा में महिलाओं पर आधारित कार्यक्रम आयोजित होंगे। इनमें मिशन शक्ति की उपलब्धियों पर विशेष फोकस किया जाएगा। साथ ही जिन परियोजनाओं में अवार्ड मिले हैं उन्हें भी जी-20 सम्मेलनों के दौरान प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश की संस्कृति से रूबरू होंगे अतिथि
उन्होंने बताया कि जी-20 सम्मेलन के दौरान विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। प्रयास ये होगा कि हमारे विदेशी मेहमानों को हमारी संस्कृति ज्यादा से ज्यादा जुड़ाव महसूस हो। इसके लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही खानपान और ड्रेस आदि पर भी विशेष फोकस किया जाएगा। एयरपोर्ट पर ही विदेशी मेहमानों का स्वागत बनारस के सिल्क के अंगवस्त्रमों को पहनाकर किया जाएगा। सोशल मीडिया के जरिये लोगों को जागरूक करने का कार्य किये जा रहे हैँ।