
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से दुनियाभर के देश परेशान हैं। ऐसे में भारत में कोरोना की लहर कम तो जरूर हुई है लेकिन इसके मामले अभी सामने आए जा रहे है। इस बीच ब्रिटेन में सामने आए कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर भारत में भी अलर्ट जारी किया है। बता दें कि भारत में भी कोरोना के इस नए स्ट्रेन के एक से 29 तक के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में सतर्कता बरतते हुए देश स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी किया। जिसमें कहा गया है कि, ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों को यात्रा से 72 घंटे पहले कराई गई अपनी कोविड-19 जांच की निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। गौरतलब है कि एहतियात के तौर पर भारत ने ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों को 23 दिसम्बर से 31 दिसंबर तक निलंबित कर दिया था। बाद में, इस पाबंदी को सात जनवरी तक बढ़ा दिया गया था।
वहीं शुक्रवार को उड्डयन मंत्री मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस प्रतिबंध को लेकर कहा था कि भारत और ब्रिटेन के बीच आठ जनवरी से उड़ान सेवाएं फिर से शुरू होने पर प्रति सप्ताह केवल 30 उड़ानें ही संचालित होंगी और यह व्यवस्था 23 जनवरी तक जारी रहेगी। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी की गई SOP में कहा गया है कि, उड़ान में सवार होने देने से पहले यात्रियों को एयरलाइंस कंपनियां उनकी कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट की उपलब्धता सुनिश्चित करें। इसमें कहा गया है, हवाई अड्डे पर आरटी-पीसीआर जांच या उसकी रिपोर्ट के लिए इंतजार करने वाले यात्रियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए।
SOP में कहा गया है कि, जांच में निगेटिव पाए जाने वाले यात्रियों को 14 दिनों के लिए घर पर पृथकवास की सलाह दी जाएगी और जिस राज्य में वे जा रहे हैं या फिर उस राज्य संबंधित जिला प्रशासन को नियमित रूप से उनकी निगरानी करनी होगी। इसमें कहा गया है कि संबंधित राज्यों- केंद्रशासित प्रदेशों से एसओपी के कार्यान्वयन को सुगम बनाने के लिए संबंधित हवाई अड्डों पर हेल्प डेस्क स्थापित करने का अनुरोध किया गया है।
डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर द्वारा ब्रिटेन में सामने आए वायरस के नए प्रकार का पता चलने की जानकारी दी जा चुकी है। महामारी के कारण 23 मार्च से भारत में अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें निलंबित हैं।