नई दिल्ली। राज्यसभा से तीन आपराधिक विधेयक भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023 को पारित कर दिया गया है। यह तीनों ही आपराधिक विधेयक आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। बता दें कि बीते बुधवार को इसे लोकसभा से पास किया गया था।
वो कहते हैं…नए कानून की जरुरत क्या है? उनको स्वराज का मतलब मालूम नहीं है।
स्वराज मतलब सिर्फ स्व-शासन नहीं। स्व-भाषा, स्व-धर्म, स्व-संस्कृति को आगे बढ़ाए वो स्वराज है और स्व-शासन को जो परिभाषित करे वो स्वराज है।
आपने ‘स्व’ को जागृत करने का प्रयास नहीं कियाः गृह मंत्री@AmitShah pic.twitter.com/jo7TQxNmpj
— SansadTV (@sansad_tv) December 21, 2023
क्या बोले अमित शाह ?
वहीं, इन तीनों आपराधिक विधेयकों के संदर्भ में अमित शाह ने कहा कि, ‘इन कानूनों की आत्मा भारतीय है। पहली बार भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संसद से बनाए गए कानून से हमारी आपराधिक न्याय प्रक्रिया चलेगी। इसका मुझे बहुत गौरव है.’’ उन्होंने कहा कि इन कानूनों की आत्मा भी भारतीय है, सोच भी भारतीय है और यह पूरी तरह से भारतीय है।
#RajyaSabha में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर हुए चर्चा का जवाब दे रहे हैं गृह मंत्री @AmitShah #criminallaws
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उन्होंने आगे कहा कि, ‘. इन तीनों कानूनों को 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेजों के शासन की रक्षा के लिए बनाया गया था। बता दें कि संसद की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने इन तीनों आपराधिक कानूनों का विरोध किया था, लेकिन इन तमाम विरोधों को दरकिनार करते हुए गृह मंत्री ने दोनों सदनों से पारित करवाया है। अब ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में जमीनी स्तर पर इसका क्या असर पड़ता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।