
प्रयागराज। इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का एलान किया है। इलाहाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने जस्टिस यशवंत वर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने के खिलाफ ये कदम उठाने की बात कही है। इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने बैठक में ये प्रस्ताव भी पास किया कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को करनी चाहिए। इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने ये भी कहा है कि न्यायिक बिरादरी को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जस्टिस यशवंत वर्मा पर बिठाई गई आंतरिक जांच कतई मंजूर नहीं है। इससे पहले जब खबर आई थी कि जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद ट्रांसफर किया जाएगा, तब भी अनिल तिवारी ने कहा था कि वो इसका विरोध करते हैं और इलाहाबाद हाईकोर्ट कूड़े का डिब्बा नहीं है।
जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने तब 3 जजों की जांच कमेटी बनाने का एलान किया, जब जस्टिस यशवंत वर्मा के घर आग लगने के बाद वहां बोरियों में करेंसी नोट बरामदगी का वीडियो उनको मिला। जस्टिस यशवंत वर्मा के घर 14 मार्च को होली की रात आग लगी थी। घटना के वक्त जस्टिस यशवंत वर्मा मध्य प्रदेश गए थे। इस मामले में चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय से प्रारंभिक जांच के लिए कहा था। जस्टिस उपाध्याय ने जो रिपोर्ट दी थी, उसमें और विस्तृत जांच की सिफारिश की गई थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने यशवंत वर्मा मामले की जांच के लिए 3 जजों की कमेटी बनाई।
जस्टिस यशवंत वर्मा ने इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय से मुलाकात के दौरान कहा था कि जहां आग लगी थी, वो उनके सरकारी आवास का आउटहाउस है। जहां घर के नौकर और गार्ड समेत तमाम लोग आते-जाते हैं। जस्टिस यशवंत वर्मा ने नोट जलने के मामले में ये भी आशंका जताई थी कि ये उनकी छवि धूमिल करने की साजिश है। उन्होंने ये भी कहा था कि जब घटना के बाद वो आवास लौटे, तब कोई जला हुआ नोट नहीं मिला। साथ ही ये भी दलील दी कि घटना उनके मुख्य आवास की नहीं, बल्कि आउटहाउस की है। वहीं, मीडिया ने शनिवार को दिखाया था कि जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से कुछ ही दूर जले हुए नोटों के टुकड़े पड़े हैं। एनडीएमसी के सफाई कर्मियों का भी कहना है कि इस जगह से उनको जले हुए नोट मिले।