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Madhumita Shukla Murder Case: मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी को समयपूर्व किया गया रिहा, अब सरकार की मेहरबानी पर उठे सवाल?

Madhumita Shukla Murder Case: अमरमणि को मधुमति शुक्ला हत्याकांड मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी की गई थी। इसके बाद उन्हें चार साल बाद यानी की सितंबर 2007 में अमरमणि और उनकी पत्नी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

नई दिल्ली। मधुमिता शुक्ला हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे तत्कालीन बसपा सरकार में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर समयपूर्व रिहा कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि उनके अच्छे आचरण को ध्यान में रखते हुए उन्हें समय पूर्व रिहा करने का फैसला किया है, जिस पर आपत्ति जताते हुए मधुमिता शुक्ला की बहन निधी शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर आठ सप्ताह में जवाब तलब किया है। वहीं, अब विपक्षी दल सरकार के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं।

उधर, अमरमणि त्रिपाठी ने अपनी रिहाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि,  ‘यह ऊपर वाले का आशीर्वाद है कि हम अपने माता-पिता से मिलने जा रहे हैं। मुझे पिछले 20 सालों से इंतजार था कि मैं कब अपने माता-पिता से मिलूंगा। यकीनन इस लम्हें को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है’। बता दें कि गोरखपुर के जेल अधीक्षक दिलीप पांडेय ने अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई की पुष्टि की है। दरअसल, यूपी सरकार के कारागार प्रशासन और अनुभाग के विशेष सचिव मदन मोहन ने गुरुवार को 2018 की रिहाई नीति का जिक्र करते हुए अमरमणि त्रिपाठी की समयपूर्व रिहाई का आदेश दिया था। बता दें कि अमरमणि की उम्र 66 तो वहीं उनकी पत्नी की उम्र 61 साल है।

उधऱ, मधुमति शुक्ला की बहल ने अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘अब हमारी जान को खतरा हो सकता है। हमारे परिवार की जान को खतरा है। हमारे साथ कुछ भी हो सकता है। लिहाजा मैं सरकार से सुरक्षा देने की मांग करती हूं। बता दें कि इससे पहले मधुमति की बहन ने सुप्रीम कोर्ट में इस रिहाई के विरोध में याचिका दाखिल की है, जिसे लेकर योगी सरकार को नोटिस जारी कर 8 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा गया है।

सनद रहे, अमरमणि को मधुमति शुक्ला हत्याकांड मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी की गई थी। इसके बाद चार साल बाद यानी की सितंबर 2007 में अमरमणी और उनकी पत्नी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। फिलहाल अमरमणि गोरखपुर में अपना उपचार करा रहे हैं, लेकिन अब उनकी समय पूर्व रिहाई को लेकर राजनीतिक गरमा गई है।