नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में आज भारतीय सेना ने लोकल प्रशासन और स्थानीय लोगों की मदद के साथ मिलकर दशकों से बंद पड़े ऐतिहासिक शिवमंदिर को फिर से लोगों के लिए खोल दिया। इस मंदिर का निर्माण साल 1915 में महाराजा हरि सिंह की पत्नी महारानी मोहिनी बाई सिसोदिया ने करवाया था। गुलमर्ग में स्थित इस मंदिर को सेना की बटालियन ने स्थानीय लोगों की मदद से फिर से मरम्मत करके ठीक किया है। मंदिर की ओर जाने वाले रास्तों को भी नया रूप दिया गया और सेना के जवानों ने फिर से रास्तों का सही ढंग से निर्माण किया है।
आज सेना के अधिकारी बीएस फोगाट ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर एकबार फिर से इस मंदिर को खोल दिया। इस मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए मंदिर के केयरटेकर गुलाम मोहम्मद शेख ने कहा कि शिव मंदिर कश्मीर की बहुलवादी संस्कृति और इसकी गौरवशाली विरासत का प्रमाण है।
सेना के अधिकारी बीएस फोगाट ने कहा कि कश्मीर की असली खूबसूरती यहां की आवाम है। इस आवाम के अंदर खास बात कश्मीरियत है। अगर यहीं पर नजर दौड़ाएं तो मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा आसपास मिल जाएंगे। ये अपने आप में एक कश्मीरियत की बहुत बेहतरीन मिसाल है। गुलाम मोहम्मद साहब इस मंदिर की 30 साल से देखभाल कर रहे हैं, ये कश्मीरियत की एक बहुत उम्दा मिसाल है।
Army renovates Gulmarg’s famous Shiv temple with help of locals as well as Tourism Department says will promote religious tourism too. The temple was built in 1915 by Maharani Mohini Bai Sisodia, wife of Maharaja Hari Singh. @indiatvnews pic.twitter.com/YhOXSmBykr
— Mir Manzoor (@Mir_indiatv) June 1, 2021
उन्होंने कहा कि यहां पर पर्यटक बहुत आते हैं, लोकल और बाकी टूरिस्टों की गुजारिश थी कि इस मंदिर की भी देखभाल की जाए, तो गुलमर्ग की शान में चार चांद लगेंगे तो इंडियन आर्मी और यहां के लोकल प्रशासन ने बीड़ा उठाया और इसमें सबसे ज्यादा योगदान यहां के आवाम में सबसे ज्यादा साथ दिया। इसमें हमने थोड़ी बहुत पहल जरूर की हो लेकिन ये हमारी मिलीजुली कोशिशों का नतीजा है। हम यहां से कुछ चीज ले जा सकते हैं तो कश्मीरियत का पैगाम ले जा सकते हैं।
गौरतलब है कि, इसी मंदिर के पास कई फिल्मों की सूटिंग हुई है, राजेश खन्ना का जय जय शिव शंकर गाना भी इसी मंदिर के पास शूट हुआ था। शिव मंदिर को व्यापक जीर्णोद्धार की आवश्यकता थी, क्योंकि लंबे समय से इस मंदिर में कोई जीर्णोद्धार कार्य नहीं हुआ था।
गुलमर्ग में आने वाले स्थानीय लोगों और पर्यटकों की एक बड़ी संख्या ने मंदिर को उसकी मूल स्थिति में देखने की इच्छा व्यक्त की थी। भारतीय सेना ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर कश्मीर की इस बहुमूल्य विरासत को संभालने में विशेष योगदान दिया है।
जम्मू-कश्मीर की खूबसूरत वादियों के बीच बसा गुलमर्ग प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है। फूलों के प्रदेश के नाम से प्रसिद्ध यह स्तआन बारामूला जिले में आता है। गुलमर्ग के इस शिव मंदिर को महारानी मंदिर भी कहा जाता है। हिंदू वास्तुकला शैली में बना यह मंदिर जितना खूबसूरत है उतना ही प्यारा इसके आसपास का प्राकृतिक वातावरण है। पहाड़ी पर बने होने के कारण मंदिर से आसपास का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है।
#Kashmiris are always religious tolerant. For centuries #Kashmiri have embraced all religions.
Today Shiv Mandir at #gulmarg renovated and opened again for #tourist .
Ghulam Md Sheikh – priest of this temple giving message to all #Turkish #pakistani propagandist .#Kashmir pic.twitter.com/umFBk2PryD— Baramulla Updates (@BaramullaU) June 1, 2021