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PM Modi in US: ‘जैसे को तैसा…’, अमेरिका ने ‘मानवाधिकार’ और ‘धार्मिक स्वतंत्रता’ का उठाया मुद्दा, तो भारत ने ऐसे दिया मुंहतोड़ जवाब

खबर है कि पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान अमेरिका की तरफ से भारत में कथित मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर चिंता जताई गई। इससे पहले पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी पत्रकार सबरीना सिद्दीकी की ओर से भी धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठाया गया था, जिस पर पीएम ने स्पष्ट कर दिया था कि हमारी रगों में लोकतंत्र है और सभी को संपूर्ण अभिव्यक्ति की आजादी मिली हुई है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं। जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। इस बीच उन्होंने व्हाइट हाउस के बाहर भारत-अमेरिकी समुदाय को संबोधित किया।  जिसमें उन्होंने मुख्तलिफ मसलों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज से तीन दशक पहले मैं एक  आम नागरिक के रूप में व्हाइट हाउस को बाहर से देखने के लिए आया था। वहीं, प्रधानमंत्री बनने के बाद मेरा कई बार अमेरिका आना हुआ, लेकिन यह पहली बार है कि जब इतनी बड़ी संख्या में हिंदुस्तानी मूल के लोगों  को संबोधित कर रहा हूं। इससे साफ जाहिर होता है कि आज व्हाइट हाउस ने सभी के लिए अपने द्वार खोल दिए। वहीं,  व्हाइट हाउस के बाद पीएम मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया। यह दूसरी बार था कि जब पीएम मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया। इस बीच दोनों राष्ट्रध्यक्षों के बीच मुख्तलिफ मसलों पर तफसील से वार्ता हुई। इस बीच मीडिया से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि भारत में लोकतंत्र मजबूत है।

वहीं, खबर है कि पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान अमेरिका की तरफ से भारत में कथित मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर चिंता जताई गई। इससे पहले पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी पत्रकार सबरीना सिद्दीकी की ओर से भी मुस्लिम उत्पीड़न का मुद्दा उठाया गया था, जिस पर पीएम ने स्पष्ट कर दिया कि हमारी रगों में लोकतंत्र है और सभी को संपूर्ण अभिव्यक्ति की आजादी मिली हुई है। वहीं, अब अमेरिकी अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल की ओर से भी कथित मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर सवाल उठाया गया, जिस पर भारत की ओर से भी करार जवाब दिया गया है।

बता दें कि इस संदर्भ में भारत की ओर से कहा गया है कि  मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता’ संबंधी चिंताओं को उठाने के बाद, भारतीय अधिकारियों ने ‘मानवाधिकारों’ और धार्मिक रूप से प्रेरित ‘घृणा अपराधों’ के बारे में चिंताएं उठाई हैं।  इसके इतर कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच वार्ता हुई। माना जा रहा है कि यह वार्ता दोनों देशों के संबंधों को प्रगाढ़ करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगी। हालांकि, व्हाइट हाउस में दिए अपने संबोधन में पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि इस दौरे से दोनों देशों के संबंध प्रगाढ़ होंगे।  ध्यान दें कि पीएम मोदी के संबोधन के अलावा दोनों राष्ट्रध्यक्षों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। जिसमें कई मुद्दों का जिक्र किया। बता दें कि पीएम मोदी अपने कार्यकाल के दौरान अब तक 9 बार अमेरिकी दौरे पर जा चुके हैं, लेकिन यह उनका पहला राजकीय दौरा था।