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American Delegation Reached Dharamshala To Meet Dalai Lama : दलाई लामा से मिलने धर्मशाला पहुंचा अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल

American Delegation Reached Dharamshala To Meet Dalai Lama : दलाई लामा और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की ये मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब हाल ही में अमेरिका की संसद ने तिब्बत से जुड़ा एक बिल भी पास किया है, जिसे रिजॉल्व तिब्बत एक्ट नाम दिया गया है। दलाई लामा के साथ अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की इस मीटिंग से चीन को जरूर मिर्ची लगेगी।

नई दिल्ली। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मिलने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला पहुंच गए हैं। अमेरिका के इस प्रतिनिधिमंडल में अमेरिकी सदन की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी, हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के रिपब्लिकन चेयरमैन माइकल मैककॉल और हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के सदस्य ग्रेगरी डब्ल्यू मीक्स समेत कुछ अन्य लोग भी शामिल हैं। दलाई लामा और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की ये मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब हाल ही में अमेरिका की संसद ने तिब्बत से जुड़ा एक बिल भी पास किया है, जिसे रिजॉल्व तिब्बत एक्ट नाम दिया गया है। दलाई लामा के साथ अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की इस मीटिंग से चीन को जरूर मिर्ची लगेगी।

कांगड़ा हवाई अड्डे पर केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के अधिकारियों ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। इस दौरान अमेरिकी प्रतिनिधि मारियानेट मिलर-मीक्स ने कहा कि हम सभी अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर यहां आने के लिए बहुत उत्साहित हैं। हमारी यात्रा का उद्देश्य दलाई लामा से मुलाकात करना और उस प्रस्ताव को मजबूत करना है जिस पर हमने हस्ताक्षर किए हैं। वहीं ग्रेगरी मीक्स ने कहा कि मैं दलाई लामा से मिलने के लिए बहुत उत्साहित हूं। हम उनको यह बताना चाहते हैं कि अमेरिका हर हाल में उनके साथ है।

प्रतिनिधमंडल में शामिल माइकल मैककॉल, ने कहा कि हम दलाई लामा से अमेरिकी संसद में पारित विधेयक सहित कई अन्य विषयों पर बात करेंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इस बिल पर साइन करेंगे। आपको बता दें कि अमेरिका की संसद ने 12 जून को तिब्बत से जुड़ा रिजॉल्व तिब्बत एक्ट बिल पास किया है। अमेरिकी संसद के दोनों सदनों ने इसे मंजूरी मिल गई। तिब्बत को लेकर के फैलाए गए झूठ का अब अमेरिका जवाब देगा। अमेरिका के इस फैसले से चीन को मिर्ची लगना लाजिमी है क्योंकि इससे तिब्बत को लेकर चीन के प्रोपोगेंडा पर असर पड़ेगा।