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LJP में चल रही सियासी लड़ाई के बीच EC ने लिया फैसला, फ्रीज किया गया पार्टी का चुनाव चिह्न

LJP: लोक जनशक्ति पार्टी में चाचा-भतीजे के बीज चल रही लड़ाई का असर अब पार्टी पर दिखाई देने लगा है। चुनाव आयोग ने चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस के बीच जारी लड़ाई को देखते हुए पार्टी के चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया है।

नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी में चाचा-भतीजे के बीज चल रही लड़ाई का असर अब पार्टी पर दिखाई देने लगा है। चुनाव आयोग ने चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस के बीच जारी लड़ाई को देखते हुए पार्टी के चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया है। चुनाव का कहना है कि अंतिम फैसला आने तक एलजेपी का चुनाव चिन्ह रहेगा। चुनाव आयोग की ओर से पार्टी के चुनाव चिन्ह को जब्त करने का फैसला उस समय लिया गया है जब बिहार में दो खाली पड़ी सीटों पर उपचुनाव होने का समय नजदीक आ रहा है। चिराग पासवान ने हाल ही में 30 अक्टूबर को होने वाले बिहार विधानसभा उपचुनाव  के लिए पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अपना अधिकार होने का दावा किया था।

chirag paswan LJP chief

लोक जनशक्ति पार्टी में सियासी घमासान तब शुरू हुआ जब इस साल जून में 5 सांसद चिराग पासवान से अलग होकर पशुपति पारस के खेमे में चले गए थे। इसके बाद पशुपति पारस ने पटना में खुद को पार्टी अध्यक्ष भी घोषित कर दिया था। इस समय बिहार की दो विधानसभा उपचुनाव सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी कर दी गई है।

आयोग के पास थे विकल्प

एलजेपी में चल रही इस के लिए चुनाव आयोग के पास तीन विकल्प थे। अंतिम निर्णय होने तक पार्टी के चुनाव चिन्ह को अंतरिम आदेश के साथ फ्रीज करना और पार्टी के दोनों गुटों को अलग-अलग चुनाव चिन्हों पर उपचुनाव लड़ने की अनुमति देना। चिराग पासवान के गुट के साथ चुनाव चिन्ह जारी रखने का आदेश। एलजेपी के अध्यक्ष बने पशुपति पारस के धड़े को एलजेपी पार्टी का चिन्ह देना।

election commission of india

30 अक्टूबर को हैं उपचुनाव

चुनाव आयोग ने पिछले महीने के आखिर में दो खाली पड़ी सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। मुंगेर जिले के तारापुर विधानसभा सीट और दरभंगा जिला के कुशेश्वरस्थान सीट पर 30 अक्टूबर को वोटिंग कराई जाएगी। बताया जा रहा है कि 5 नवंबर तक यह चुनाव प्रक्रिया पूरा हो जाएगी।