नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कौशांबी महोत्सव को संबोधन करने के क्रम में कांग्रेस पार्टी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि संसद लगातार हंगामे की भेंट चढ़ रहा है। किसी भी मसले पर चर्चा नहीं हो पा रही है। शाह ने आगे कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब बिना चर्चा के ही संसद का बजट सत्र संपन्न हुआ है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा लोकतंत्र के मुद्दे को उठाए जाने पर खुलकर अपनी राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लोकतंत्र की चिंता नहीं है, बल्कि गांधी परिवार की चिंता है। इन लोगों ने देश के लोकतांत्रिक मूल्यों चोटिल कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हआ है, जब बिना चर्चा के ही संसद का सत्र संपन्न हुआ है। यह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों के हंगामे की वजह से संसद का बजट सत्र नहीं चल पाया है और इसका कारण राहुल गांधी की सदस्यता जाना था।
शाह ने आगे कहा कि राहुल गांधी को हों या कोई और मोदी जी और कमल पर जितना पर कीचड़ उछालोगे। कमल उतना ही खिलेगा। उन्होंने आगे कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये लोग कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है, लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि लोकतंत्र खतरे में नहीं है, बल्कि इनका परिवार खतरे में है और इन परिवार में परिवारवाद, तुष्टिकरण और जातिवद शामिल हैं। इस कवायद पर अंकुश लगाने की जरूरत है, नहीं तो आगामी दिनों में स्थिति बिगड़ सकती है। शाह ने आगे कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों को संबल करने के प्रति प्रतिबद्ध है। वहीं, विपक्षी पार्टियों का कहना है कि केंद्र सरकार जानबूझकर संसद में गतिरोध पैदाकर लोकतांत्रिक मूल्यों को बलि चढ़ा रही है। इसके साथ ही कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि विपक्ष लगातार अडानी मुद्दे की जेपीसी जांच की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार की तरफ से लगातार इस मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन नहीं कर रही है, जिसकी भारी कीमत इस सरकार को एक ना दिन एक चुकानी होगी। उधर, कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से मिली राजनीतिक मोर्च पर अपार सफलता से घबरा गई है, इसलिए झूठे प्रपंचों का सहारा लेकर राहुल गांधी को संसद से बाहर करके उनकी आवाज को दबाना चाहती है, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सरकार को इसमें बिल्कुल भी सफलता नहीं मिलेगी। बता दें कि यह पहली बार है कि जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसी सार्वजनिक मंच पर राहुल गांधी प्रकरण पर अपनी राय खुलकर जाहिर की है। इससे पहले परोक्ष रूप से पीएम मोदी अपनी राय सार्वजनिक कर चुके हैं। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इस पर किसकी क्या प्रतिक्रिया सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।