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Uttarakhand : उत्तराखंड में अमृतपाल समर्थकों का हंगामा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ‘खालिस्तान’ के नाम से धमकी

Uttarakhand : पुलिस और सरकारी कर्मचारियों को ही ज्यादा रिकॉर्डेड कॉल की गईं थीं। इसके आधार पर पुलिस इस धमकी से ज्यादा पब्लिसिटी स्टंट मान रही है। हालांकि, एहतियात के तौर पर रामनगर में होनी वाली जी-20 की बैठक को लेकर सुरक्षा और सतर्कता बढ़ा दी गई है। पुलिस के साथ ही एसटीएफ और खुफिया एजेंसियां सुरक्षा लेकर मुस्तैद हो गई हैं। डीजीपी अशोक कुमार सहित तमाम बड़े अधिकारी सुरक्षा की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

देहरादून। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल बेशक पुलिस के डर से भागा-भागा फिर रहा है, लेकिन इसके बावजूद भी उसके समर्थक हरकतों से बाज नहीं आ रहे। अब अमृतपाल के समर्थकों ने खालिस्तान की मांग को लेकर उत्तराखंड में भी बवाल मचाना शुरू कर दिया है। प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धमकी दी है। पन्नू ने रामनगर को खालिस्तान का हिस्सा बताते हुए बैठक के दौरान खालिस्तान के समर्थन में झंडे लगाने की बात कही। कहा गया कि यदि उत्तराखंड में उनके संगठन से जुड़े लोगों पर केस हुए तो इसके लिए मुख्यमंत्री की पूर्ण रूप से जिम्मेदारी होगी। हम नहीं जानते फिर क्या होगा।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के नाम धमकी भरे रिकॉर्डेड संदेश के बाद उत्तराखंड पुलिस, और खूफिया तंत्री सुपर एक्टिव हुए हैं। नैनीताल जिले में रामनगर में होने वाली प्रस्तावित जी-20 (G-20) बैठक से पहले प्रदेश के मुखिया को धमकी मिलने के बाद हाई अलर्ट जारी किया गया है। यूपी बॉर्डर पर भी अलर्ट है। पुलिस जांच में कई हैरान करने वाले मामलों का खुलासा है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि प्रतिबंधित संगठन के मुखिया पन्नू ने विदेश से मोबाइल ऐप और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मदद से धमकी भरी कॉलें की थीं। अब तक की पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में ये बात निकलकर आई है।

गौरतलब है कि वह उत्तराखंड पुलिस ने जब इस धमकी भरे संदेश की जांच की तो इस बात का भी खुलासा हुआ है कि इसके अलावा उसने कुछ खास ग्रुपों जैसे मीडिया, पुलिस और सरकारी कर्मचारियों को ही ज्यादा रिकॉर्डेड कॉल की गईं थीं। इसके आधार पर पुलिस इस धमकी से ज्यादा पब्लिसिटी स्टंट मान रही है। हालांकि, एहतियात के तौर पर रामनगर में होनी वाली जी-20 की बैठक को लेकर सुरक्षा और सतर्कता बढ़ा दी गई है। पुलिस के साथ ही एसटीएफ और खुफिया एजेंसियां सुरक्षा लेकर मुस्तैद हो गई हैं। डीजीपी अशोक कुमार सहित तमाम बड़े अधिकारी सुरक्षा की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। मालूम हो कि रविवार रात रामनगर को खालिस्तान का हिस्सा बताते हुए बैठक के दौरान वहां खालिस्तान के झंडे लगाने और समर्थकों पर मुकदमों के लिए सीएम धामी को जिम्मेदार ठहराते हुए धमकाने की कोशिश की गई।