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Amritpal Singh: अमृतपाल के समर्थकों की खैर नहीं, अब पंजाब पुलिस ने बताया अपना अगला प्लान, कह दी ऐसी बात

अब इस पूरे मामले पर पंजाब के आईजी प्रेसवार्ता कर बड़ी जानकारी सार्वजनिक की है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि अमृतपाल खालिस्तानी समर्थक है। 2022 में दुबाई से लौटने के बाद उसे पंजाब वारिस दे संगठन की कमान सौंप दी गई थी।

नई दिल्ली। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल और उसके गुर्गों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी है। अब तक उसके 100 से भी ज्यादा समर्थकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कार्रवाई के पहले दिन पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें से चार लोगों को बाद में डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया था, जिसका असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने समर्थन किया और कहा कि हमारी तरफ से इस मामले में पुलिस की हर मुमकिन सहायता की जाएगी। उधर, अब खबर है कि पुलिस अमृतपाल और उसके साथियों के खिलाफ एनएसए की धारा जोड़ी जाएगी। अब आगे पुलिस इस मामले में क्या कुछ कार्रवाई करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। वहीं, आपको बता दें कि पुलिस ने अमृतपाल के गुर्गों के ठिकानों पर दबिश दी। जहां से भारी संख्या में असलहा बरामद किया गया है। हालांकि, अमृतपाल खुद पुलिस की गिरफ्त से दूर है। पुलिस ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा, लेकिन अब तक पुलिस के साथ उसका लुका-छुप्पी का खेल जारी है।

अब इस पूरे मामले पर पंजाब के आईजीपी ने प्रेसवार्ता कर बड़ी जानकारी सार्वजनिक की है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि अमृतपाल खालिस्तानी समर्थक है। 2022 में दुबाई से लौटने के बाद उसे पंजाब वारिस दे संगठन की कमान सौंप दी गई थी। इससे पहले वो दुबई में ट्रक चालक क काम करना था,लेकिन बाद में वो भारत आ गया। यही नहीं, कृषि आंदोलन के दौरान भी उसने अपने नापाक मंसूबों को धरातल पर उतारा था। जिसमें पंजाबी गायक दीप सिद्धू ने भी उसका साथ दिया और अहम भूमिका निभाई। उसी के नेतृत्व में दिल्ली की लाल किला की प्राचीर पर तिरंगा झंडे को हटाकर विशेष समुदाय से जुड़ा झंडा लगाया गया था, जिसका चौतरफा विरोध किया गया। इस घटना के बाद किसान आंदोलन में खालिस्तानी तत्वों के शामिल होने की पुष्टि हो चुकी थी। इसके बाद पुलिस दीप सिद्धू की तलाश में जुटी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली, लेकिन इस घटना के कुछ महीने बाद एक कार दुर्घटना में दीप सिद्धू के मौत की खबर आई, जिसके पंजाब वारिस दे संगठन की कमान अमृतपाल सिंह को सौंप दी गई।

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बता दें कि अमृतपाल तब चर्चा में आया था, जब उसने अपने साथियों के साथ मिलकर जेल में बंद लवली सिंह तूफान को छुड़ा लिया था। ध्यान रहे कि उस वक्त पंजाब पुलिस अमृतपाल के समर्थकों के आगे बेबस नजर आई थी और पुलिस की नाक के नीचे अमृतपाल लवली को सलाखों से छुड़ाकर ले गया, जिसके बाद पंजाब की मान सरकार कानून व्यवस्था को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई थी। हालांकि, अब मान सरकार के नेतृत्व में जिस तरह से अमृतपाल के गुर्गों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की जारी है, उसे देखते हुए सरकार विरोधी के निशाने पर आने से बच रही है, लेकिन अभी-भी अमृतपाल पुलिस की गिरफ्त से दूर है। अब ऐसे में वह कब तक पकड़ा जाता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि पंजाब आईजीपी ने अमृतपाल मामले में बड़ी जानकारी दी है। आइए, आगे आपको विस्तार से बताते हैं।

पंजाब पुलिस ने क्या कहा….

पंजाब पुलिस के आईजीपी सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि जो बुलेटप्रूफ जैकेट और राइफलें बरामद हुई हैं और मुखिया (अमृतपाल सिंह) के गेट (घर के) पर एकेएफ लिखा हुआ था। आनंदपुर खालसा फौ नामक एक जत्थबंदी बनाने का प्रयास किया गया था।

गिरफ्तार किए गए पांच लोगों (डिब्रूगढ़ भेजे जा रहे) के खिलाफ एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि चार बंदियों को हिरासत के बाद असम के डिब्रूगढ़ भेज दिया गया। वे हैं दलजीत कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भुखनवाला और भगवंत सिंह। एक और बंदी, हरजीत सिंह – अमृतपाल सिंह का चाचा डिब्रूगढ़ के रास्ते में है। उसे वहां ले जाया जा रहा है।