नई दिल्ली। देश आगे बढ़ रहा है, तरक्की कर रहा है। लोगों की सोच में भी काफी बदलाव आ गया है। आज की लड़कियों को बाहर काम करने, खुद का जीवनसाथी चुनने की आजादी है। आज के वर्तमान समय में ज्यादातर शादियां लव मैरिज हो रही हैं। हालांकि आज भी कई जगहों पर बच्चों की शादी पूरी तरह से परिवार की रजामंदी पर निर्भर करती है। ऐसे परिवारों के बच्चे जब माता-पिता की रजामंदी के बगैर शादी करते हैं तो उन्हें परिवार से अलग कर दिया जाता है। ऐसा ही कुछ मामला मध्यप्रदेश से सामने आया है। यहां जब मुस्लिम युवक से शादी कर अनामिका दुबे से उजला फातिमा बनी तो लड़की के परिवार वालों ने उसका त्याग कर दिया। यहां तक की परिवार वालों ने अपनी जिंदा लड़की का पिंडदान कर दिया…
धर्म बदलकर बनी अनामिका दुबे से उजला फातिमा
इस मामले को लेकर कहा जा रहा है कि अनामिका दुबे, जबलपुर के अमखेरा इलाके की निवासी थी जो कि दूसरे धर्म के युवक मोहम्मद अयाज से प्यार करती थी। लड़की के परिवार वाले इस रिश्ते से खुश नहीं थे। जब अनामिका दुबे शादी के लिए धर्म बदलकर उजला फातिमा बन गई तो परिवार वालों ने जिंदा बेटी के निधन के कार्ड छपवाए और रिश्तेदारों, जानकारों को पिंडदान संस्कार के लिए न्योता भेजा। इतना ही नहीं परिवार वालों ने बेटी के निधन पर मृत्युभोज का भी कार्यक्रम रखा। अब इस पूरे मामले की चर्चा हो रही है।
दोनों परिवारों की रजामंदी से हुई थी शादी- सीएसपी अखिलेश गौर
वहीं, अब इस मामले को लेकर हनुमान ताल संभाग के सीएसपी अखिलेश गौर ने बताया कि अनामिका दुबे और मोहम्मद अयाज की शादी दोनों परिवारवालों की रजामंदी से ही हुआ था। हालांकि इस शादी को लेकर कुछ संगठन आवाज उठा रहे थे। बाद में मामला गर्माने के बाद परिवार वालों ने बेटी को घर से विदा कर दिया था।